भगवान शिव को छत्तीसगढ़ के राजस्व अधिकारियों द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद शिवलिंग सहित तहसील कोर्ट में पेश किया गया है। रायगढ़ जिले के अधिकारियों के मुताबिक, भगवान शिव ने जमीन पर अवैध कब्ज़ा किया है। नोटिस में हाजिर न होने की दशा में उन पर 10,000 रुपए जुर्माना भी लगाने की तैयारी थी। स्थानीय ग्रामीणों ने मजबूर हो कर शिवलिंग को उखाड़ कर कोर्ट में पेश किया। यहाँ पर तहसीलदार न होने के चलते कोर्ट ने अगली तारीख दे दी है। यह घटना 25 मार्च, 2022 (शुक्रवार) की है।

इस वीडियो में एक स्थानीय महिला को कहते सुना जा सकता है, “हम सभी आज तहसील कार्यालय आए है, जितने लोगों को नोटिस मिला है। इसी में हमारे शिव मंदिर को भी नोटिस मिला था। आज हमारी पेशी थी। शिव मंदिर में तो भगवान ही रहते हैं। उनकी पूरे गाँव के लोग पूजा करते हैं। भगवान जी पेशी में आए हैं। वही साहब से बात भी करेंगे। उनको 10,000 का जुर्माना भी लगा है। वो 10,000 भरना भी है और खाली भी करना है। भगवान ही तहसीलदार से सवाल करेंगे कि मुझे कारण बताओ नोटिस क्यों मिला। अब भगवान ही पूछेंगे कि पैसा कब भरना है और खाली कब करना है। अभी तक मुझ से कोई नहीं मिला है। मैं रायगढ़ वासियों को भी संदेश देना चाहूँगी कि अगर यही नोटिस मस्जिद में जाता तो आज मुस्लिम रायगढ़ बंद कर देते। मेरे साथ हिन्दू यहाँ खड़े हैं। हमारे भगवान का अपमान हुआ है। इसका फैसला क्या करते है आप सब बताइए।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह नोटिस अतिक्रमण के खिलाफ हाईकोर्ट में डाली गई एक याचिका के बाद जारी हुआ। 14 फरवरी, 2022 को हाईकोर्ट ने स्थानीय नगर पालिका को अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। रायगढ़ की तहसील अदालत ने एक टीम का गठन कर के कौहाकुंडा गांव में शिकायतों की जाँच करवाई। इस दौरान सीमांकन दल नाम की उस टीम ने 10 स्थानों को चिह्नित किया। इस रिपोर्ट के आधार पर तहसील कोर्ट ने उन सभी 10 जगहों पर किसी भी नए निर्माण पर रोक लगा दी। साथ ही उन जमीनों से संबंधित सभी 10 लोगों को नोटिस जारी कर के कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया। इसका पालन न करने वालों को 10 हजार रुपए जुर्माना और जमीन से बेदखली होना बताया गया।
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रायगढ़ तहसील कोर्ट द्वारा जिन 10 लोगों को नोटिस जारी हुई थी उसमें एक कोहाकुंडा के वार्ड 25 का शिव मंदिर भी था। शिव मंदिर में कोई पुजारी नहीं था। यह नोटिस सीधे मंदिर को ही जारी कर दी गई थी। न्यायालय द्वारा दी गई समयसीमा को देखते हुए स्थानीय लोगों ने शिवलिंग को ही उखाड़ लिया और उसे वाहन से लाद कर अदालत पहुँच गए।
उस समय कोर्ट के बाहर पीठासीन अधिकारियों के व्यस्त होने का नोटिस लगा था। इस केस की अगली सुनवाई 13 अप्रैल तय कर दी गई। वही इस मामले में तहसीलदार गगन शर्मा के मुताबिक, “मुझे नोटिस की जानकारी नहीं है। नोटिस को जारी करने वाले अधिकारी नायब तहसीलदार हैं। अगर नोटिस में कोई कमी है तो उसको दूर किया जाएगा।”
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