पांच राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर राज्यसभा चुनाव पर भी देखने को मिलेगा। जहां, एक तरफ भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी को फायदा मिलेगा, वहीं कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और अकाली दल को जोरदार झटका लगेगा। आंकड़ों के जरिए समझिए राज्यसभा में किसे कितने सदस्यों का नुकसान होगा और किसे फायदा होगा?
पहले जान लीजिए कितने सीटों के लिए होंगे राज्यसभा चुनाव?
इस साल आखिरी तक कुल 75 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। इसमें से 13 सीटों के लिए चुनाव का शेड्यूल जारी हो गया है। 31 मार्च को इन 13 सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव होंगे। इसमें असम की दो, हिमाचल प्रदेश की एक, केरल की तीन, नगालैंड की एक, त्रिपुरा की एक और पंजाब की पांच सीटें शामिल हैं। वहीं, साल के अंत तक उत्तर प्रदेश के 11, बिहार के पांच, राजस्थान के चार, मध्य प्रदेश के तीन और उत्तराखंड के एक सीट पर भी राज्यसभा चुनाव होंगे।
दरअसल संविधान के तहत राज्यसभा के सदस्यों की संख्या 250 निर्धारित की गई है। मतलब इससे अधिक सदस्य नहीं हो सकते हैं। इसमें से 238 सदस्यों के लिए चुनाव होता है, जबकि 12 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं। लोकसभा चुनावों के विपरीत, राज्यसभा चुनाव में मतदाता सीधे सांसदों को नहीं चुनते हैं, बल्कि राज्य के विधायक राज्यसभा सदस्यों का चुनाव करते हैं।
भाजपा को क्या फायदा होगा?
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अशोक श्रीवास्तव कहते हैं, ‘विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की संख्या 100 के पार हो जाएगी। यही नहीं, भाजपा अपने सहयोगी दलों की मदद लेकर आसानी से मनपसंद राष्ट्रपति बना सकेगी। राष्ट्रपति चुनाव भी इसी साल जुलाई में होना है।
अभी राज्यसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या 97 है। इन चुनाव के नतीजों के बाद साल के अंत तक ये संख्या बढ़कर 104 हो जाएगी। वहीं, एनडीए सदस्यों के आंकड़ों पर नजर डालें तो ये भी बढ़कर 122 तक हो सकती है। मतलब 243 सदस्यों वाली राज्यसभा में भाजपा अपने गठबंधन दलों के साथ बहुमत में आ जाएगी। अब तक यहां भाजपा अल्पमत में थी। रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा को अकेले उत्तर प्रदेश से तीन और असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड से कुल चार राज्यसभा सीटें मिल सकती हैं।
आम आदमी पार्टी को कितनी सीटों का फायदा?
आम आदमी पार्टी को इस साल के अंत तक होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए पांच सीटें मिल सकती हैं।
अभी आप के राज्यसभा में तीन सांसद हैं, जो दिल्ली से चुनकर भेजे गए हैं।
पंजाब में राज्यसभा सीटें जीतने के बाद आप उच्च सदन में पांचवीं सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। मतलब भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके के बाद आप का ही नाम होगा।
राज्यसभा के लिये पंजाब से पांच सीटों पर दो बार में चुनाव होंगे जिसमें पहले तीन सीट और फिर दो सीटों के लिये चुनाव होगा।
पंजाब के राज्यसभा से सेवानिवृत होने वाले सदस्यों में कांग्रेस से प्रताप सिंह बाजवा एवं शमशेर सिंह डुलो, अकाली दल से सुखदेव सिंह ढींढसा एवं नरेश गुजराल तथा भाजपा से एस मलिक शामिल हैं ।
दो अन्य सदस्य अकाली दल से बलविंदर सिंह भुंडर और कांग्रेस की अंबिका सोनी का कार्यकाल जुलाई में पूरा होगा और ये दोनों सीटें आप के खाते में जा सकती हैं ।
कांग्रेस को कितना नुकसान?
विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होगा।
राज्यसभा में अभी कांग्रेस के 34 सांसद हैं, जो कि साल के अंत तक घटकर महज 27 हो जाएंगे।
अन्य पार्टियों के लिए क्या?
अभी राज्यसभा में अकाली दल से सुखदेव सिंह ढींढसा और नरेश गुजराल बतौर सदस्य हैं।
पंजाब चुनाव में मिली बुरी हार के बाद अब अकाली दल के पास फिर से राज्यसभा में सांसद चुनकर भेजने के लिए आंकड़े नहीं हैं। ऐसे में ये पहली बार होगा जब उच्च सदन में अकाली का कोई सदस्य नहीं रह जाएगा।
इसी तरह बसपा ने इस बार यूपी चुनाव में सिर्फ एक सीट पर ही जीत हासिल की है। इसका असर राज्यसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा। अभी राज्यसभा में बसपा के दो सदस्य हैं। इस साल के अंत तक सिर्फ एक सीट ही रह जाएगी।
यूपी में राज्यसभा की 11 सीटों पर चुनाव होंगे। इसमें भाजपा के साथ-साथ समाजवादी पार्टी को भी फायदा मिल सकता है।
चुनाव का पूरा कार्यक्रम?
चुनाव आयोग ने राज्यसभा की सीटों के लिए गत सात मार्च को चुनाव कराने का एलान किया था लेकिन अब इसके लिए 14 मार्च को नोटिफिकेशन जारी होगा। 21 मार्च तक नामांकन भरे जाएंगे। 22 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 24 मार्च तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। 31 मार्च को मतदान और मतगणना होगी, जिसके बाद दो अप्रैल तक निर्वाचन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।