लखनऊ: उत्तर प्रदेश में छठे चरण का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की अपनी विश्लेषण रिपोर्ट में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने पाया है कि 57 निर्वाचन क्षेत्रों में 670 उम्मीदवारों में से 182 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. करीब 151 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक सपा के 48 उम्मीदवारों में से 40 (83 फीसदी), बीजेपी के 52 उम्मीदवारों में से 23, कांग्रेस के 56 उम्मीदवारों में से 22, बसपा के 57 उम्मीदवारों में से 22 और आप के 51 उम्मीदवारों में से 7 उम्मीदवारों ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

दागियों की भागीदारी
सपा में 48 उम्मीदवारों में से 29, बीजेपी के 52 उम्मीदवारों में से 20, कांग्रेस के 56 उम्मीदवारों में से 20, बसपा के 57 उम्मीदवारों में से 18 और आप के 51 उम्मीदवारों में से 5 उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. आठ उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले घोषित किए हैं और दो उम्मीदवारों ने दुष्कर्म से संबंधित मामले (आईपीसी धारा-376) घोषित किए हैं.
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छठे चरण के 57 में से 37 निर्वाचन क्षेत्र रेड अलर्ट पर
आठ उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या (आईपीसी धारा-302) से संबंधित मामले घोषित किए हैं और 23 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा-307) से संबंधित मामले घोषित किए हैं. इस आधार पर छठे चरण के 57 में से लगभग 37 निर्वाचन क्षेत्रों को रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र घोषित किया गया है.
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