साल 2017 में प्रचंड बहुमत से लखनऊ की उत्तरी विधानसभा सीट से चुनावी रण जीतने वाले नीरज बोरा के नाम से भला अब कौन परिचित न होगा। आखिर विरासत में मिली राजनैतिक छवि को इन्होने आगे ले जाने का काम जो किया है। यही वजह है कि साल 2022 में हो रहे यूपी विधानसभा चुनावों में एक बार फिर भाजपा ने इन पर भरोसा जताया और इनकी जनलोकप्रियता और जनसमर्थन को देखते हुए फिर से लखनऊ उत्तर की सीट से ही भाजपा उम्मीदवार बनाया।

हालांकि, ये तो हैं वो आम बातें, जिनके बारे में फौरी तौर पर सभी जानते होंगे। मगर, यहां हम आपको भाजपा प्रत्याशी नीरज बोरा के जीवन से जुड़े कुछ अहम हिस्सों को बताने जा रहे हैं, जिनकी वजह से आज उन्हें ये मकाम हासिल हुआ और वह आज लखनऊ के उत्तरी क्षेत्र में लोगों के दिलों में अपनी ख़ास जगह बना चुके हैं।
अगर डा. नीरज बोरा के जीवन से जुड़े कुछ इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो यह पता चलता है कि बचपन से जनसेवा का भाव नीरज बोरा के मन में विद्दमान था। वह जब बचपन में अपने पिता डी. पी. बोरा, जो कि लखनऊ पश्चिम विधान सभा (नये परिसीमन में लखनऊ पश्चिम का अधिकांश भाग लखनऊ उत्तर) से दो बार विधायक रहे, के आस पास रहते थे। तो ऐसे वक्त में उनका मन समाज कल्याण के कार्य करने के प्रति काफी लालाइत रहते थे और अपने पिता के छोटे-मोटे कामों में हाथ बंटाया करते थे। इसी लालसा का परिणाम रहा कि साल 1993 में इन्होने सीतापुर रोड पर सेवा अस्पताल स्थापित किया।
वहीं व्यक्तित्व की बात करें तो इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के लखनऊ चैप्टर के अध्यक्ष, लायन्स क्लब इण्टरनेशनल के गवर्नर रह चुके डा. नीरज बोरा सर्वसुलभ, अतिशय विनम्र व व्यवहारकुशल हैं। वे विभिन्न संस्थाओं को माध्यम बनाकर पिछले ढाई दशक से समाज की अहर्निश सेवा कर रहे हैं। यही कारण है कि उन्हें जनता बेहद पसन्द करती है।
स्वच्छ छवि, स्थानीय मुद्दों पर निरन्तर संघर्ष, समस्याओं के निदान के प्रति समर्पण, आम जनता के बीच पहचान आदि ऐसे बिन्दु हैं, जिसका लाभ डा. नीरज बोरा को वर्ष 2017 में मिला और वे लखनऊ उत्तर क्षेत्र से विधायक चुने गये।
बता दें, डा० नीरज बोरा के पिता श्री डी०पी० बोरा लखनऊ पश्चिम विधान सभा (नये परिसीमन में लखनऊ पश्चिम का अधिकांश भाग लखनऊ उत्तर) से दो बार विधायक रहे हैं। उत्तर प्रदेश की छात्र राजनीति से निकले डी०पी०बोरा की पहचान संघर्षशील, दलितों के मसीहा, श्रमिकों व राज्य कर्मचारियों के सवालों को लेकर लड़ने वाले निर्भीक नेता के रूप में रही है।
उन्होंने गरीबों, दलितों, पिछड़ों सहित आम आवाम की आवाज सड़क से विधान सभा तक उठायी। उन्होनें लखनऊ में लगभग 17 दलित बस्तियां बसायीं और लम्बा संघर्ष कर उन इलाकों में बिजली, पानी, सड़क व सीवर की सुविधा भी दिलायी। मुख्यतः नेहरूनगर, इन्दिरानगरी, अशफाकउल्लाहनगर, लाल कालोनी, अम्बेडकरनगर, अकबरनगर निषादनगर आदि वह बस्तियां हैं जहाँ अब दलित परिवार पक्के मकान बनाकर रह रहे हैं। गोमती नदी की नीलामी पर रोक की लड़ाई लड़कर बोरा जी ने गरीब मछुवारों को निःशुल्क मछली पकड़ने का अवसर दिलाया, जो अब तक जारी है।
पच्चीस हजार से अधिक निःशुल्क मोतियाबिन्द आपरेशन करवाकर गरीबों के आंख की रोशनी वापस दिलाने वाले डा० नीरज बोरा समाज सेवा के रास्ते जनता के बीच पहुंचे। स्वयं रक्तदान करने तथा हजारों लोगों को रक्तदान के प्रति प्रेरित करने वाले डा. बोरा ने हजारों विकलांगो को कृत्रिम अंग लगवाने, बैसाखी, व्हील चेयर और ट्राइसाइकिल देने का कार्य भी किया। सामाजिक कार्यों से बनी पहचान ने उनकी राजनीतिक राह को सुगम बनाया।
उनके जनप्रेम और सेवा भाव का यह प्रमाण है कि विधायक निर्वाचित होने के बाद भी डा. बोरा निरन्तर जनता के बीच रहे। उन्होंने सदैव जनहित के मुद्दों को सदन में प्रभावी ढंग से उठाया। राजधानी में पीने के पानी की आगामी पचास वर्ष की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विधान सभा में नये वाटर वर्क्स की स्थापना का प्रस्ताव भी पेश किया।
बता दें, लखनऊ का उत्तरी क्षेत्र अर्द्धशहरी है, जहां अनियोजित कालोनियों में विकास कार्य बड़ी चुनौती है। बावजूद इसके क्षेत्र में सड़क, नाली, स्वास्थ्य, बिजली, पानी व मूलभूत सुविधाओं सम्बंधी अनेक नीरज बोरा के माध्यम से कराए गए।
बावजूद इसके अभी भी कई कार्य पाइपलाइन में हैं, जिन्हें पूरा कराने के संकल्प के साथ डा. नीरज बोरा दोबारा जनता के बीच भाजपा प्रत्याशी हैं।
भाजपा के बीते शासन काल में डा. नीरज बोरा द्वारा कराए गए कार्यों का विवरण कुछ इस प्रकार है :
- लखनऊ उत्तर में मेट्रो रेल, पेयजल हेतु अगले 50 वर्ष की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए रखते हुए नवीन वाटर वर्क्स की स्थापना सहित अनेक विषय विधान सभा में प्रक्रियाधीन।
- आई.आई.एम. रोड हरदोई बाईपास से इकाना स्टेडियम तक ग्रीन कॉरिडोर मार्ग स्वीकृत।
- टेढ़ी पुलिया ओवरब्रिज का निर्माण।
- चौक से हैदरगंज ओवरब्रिज का निर्माण।
- राधा ग्राम से आईआईएम रोड बाईपास तक अधूरे तटबंध का निर्माण। 35 करोड़ की लागत से नवीन गल्ला मंडी का कायाकल्प।
- चौक स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम में बहुद्देश्यीय हाल का निर्माण ।
- मनकामेश्वर क्षेत्र में आवागमन की सुगमता हेतु रैंप का निर्माण।
- चौक क्षेत्र में मल्टीलेवल अंडरग्राउंड पार्किंग की स्थापना। ।
- गुलाला घाट का उच्चीकरण एवं सौंदर्यीकरण, बिजली शवदाह गृह का निर्माण।
- पीपे वाले पुल के स्थान पर नये पुल व सम्पर्क मार्ग की परियोजना प्रक्रियाधीन।
- जानकीपुरम के जानकीविहार कालोनी पार्क में पं. रामप्रसाद बिस्मिल, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र वार्ड में मंगल पाण्डेय, उदय माण्टेसरी स्कूल के सामने लाला लाजपत राय, निराला नगर पार्क में लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमाओं की स्थापना।
- पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर भव्य स्वागत द्वार।
- क्षेत्र के कतिपय वार्डों का नामकरण महापुरूषों के नाम पर।
- क्षेत्र के विभिन्न मार्ग और चौराहों का नामकरण विशिष्ट विभूतियों की स्मृति में।
- 800 से अधिक सड़कों-नालियों की व्यवस्था।
- राधा ग्राम बैरल की पुलिया का निर्माण।
- डालीगंज अयोध्या पुलिया का निर्माण।
- त्रिवेणी नगर, जानकीपुरम, अलीगंज, फैजुल्लागंज सहित ट्रांसफार्मर।
- कपूरथला आईटीआई कैंपस, जानकीपुरम आकांक्षा परिसर निकट पॉवर हाउस।
- फैजुल्लागंज-दाऊदनगर के निकट पावर हाउस स्थापना प्रगति पर।
- क्षेत्र अनेक स्थानों पर बांस बल्ली की नए पोल भारी मात्रा हाई मास्ट सौर ऊर्जा संयंत्र और सोलर की स्थापना।
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अलीगंज में नवीन पीजी ब्लॉक की स्थापना।
- प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता सुधार हेतु विभिन्न स्कूलों में बाउंड्रीवाल, फर्नीचर, रंगाई-पुताई, वृक्षारोपण आदि कार्य ।
- व्यवसायिक शिक्षा हेतु नए आईटीआई की स्थापना का मार्ग प्रशस्त।
- कौशल विकास एवं अन्य केंद्रों के माध्यम से रोजगारपरक प्रशिक्षण।
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