हैदराबाद के लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को पूरे भारत भर में जेड प्लस सिक्योरिटी मुहैया कराई गई है. भारत सरकार ने इसका ऐलान किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की जेड प्लस सिक्योरिटी उनके साथ पूरे देश में रहेगी. गौरतलब है कि गुरुवार शाम उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हापुड़ जिले में उन पर हमला हुआ था. वह चुनाव प्रचार करने के बाद दिल्ली लौट रहे थे. ये हमला यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुए, जिसके बाद सियासत शुरू हो गई है.

दरअसल, असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से दिल्ली लौटते समय अज्ञात लोगों ने उनकी कार पर गोलीबारी की. उन्होंने बताया कि वह सुरक्षित हैं. ओवैसी की कार राष्ट्रीय राजमार्ग 24 के हापुड़-गाजियाबाद खंड पर छिजारसी टोल प्लाजा के करीब थी तभी शाम करीब छह बजे यह घटना हुई. AIMIM सांसद ने एक ट्वीट में कहा, ‘कुछ देर पहले छिजारसी टोल गेट पर मेरी गाड़ी पर गोलियां चलाई गयी. चार गोली चलाई गई. (गोलीबारी करने वाले) 3-4 लोग थे, सब के सब भाग गए और हथियार वहीं छोड़ गए. मेरी गाड़ी पंचर हो गयी, लेकिन मैं दूसरी गाड़ी में बैठ कर वहां से निकल गया. हम सब महफूज हैं.’
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
वहीं, हैदराबाद सांसद पर हुए हमले के बाद यूपी पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार के बाद आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि आखिर वो क्या वजह थी, जिसके चलते उन्होंने AIMIM चीफ को निशाना बनाया. हापुड़ एसपी दीपक भूकर ने बताया कि असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा लगातार की जा रही बयानबाजी की वजह से आरोपियों के भीतर गुस्सा था. यही वजह थी कि आरोपियों ने सांसद की कार पर गोली चलाने का कदम उठाया. वहीं, हमले के बाद ओवैसी ने कहा है कि वह चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे और गोलीबारी की घटना की जांच की मांग करेंगे.
क्या होती है जेड प्लस सुरक्षा?
देश की दूसरी सबसे बड़ी सुरक्षा जेड प्लस सुरक्षा होती है. इसके तहत 36 सुरक्षाकर्मी हिफाजत का काम करते हैं. इन 36 सुरक्षाकर्मियों में 10 नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (NSG) और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के कमांडों शामिल होते हैं. इनके अलावा, कुछ पुलिसकर्मियों को भी सुरक्षा के लिए तैनात किया जाता है. इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान भी सुरक्षा में तैनात किया जाते हैं. सुरक्षा के पहले घेरे की जिम्मेदारी NSG संभालती है. वहीं, दूसरे घेरे में SPG कमांडों होते हैं. वहीं, जेड प्लस सुरक्षा में एस्कॉर्ट्स और पायलट वाहन भी मुहैया कराए जाते हैं.
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