चंडीगढ़. पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab assembly elections) के सियासी अखाड़े से गुरदासपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद (Gurdaspur BJP MP) व अभिनेता सनी देओल (MP and actor Sunny Deol) गायब हैं. चुनाव प्रचार के दौरान उनका ढाई किलो का हाथ फिलहाल कहीं भी नजर नहीं आया है. इससे भाजपा कार्यकर्ताओं में खासा रोष है.
बताया जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) से पहले सनी देओल ने वादा किया था कि वह विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में भी पार्टी के लिए प्रचार करेंगे. लेकिन उनके कार्यालय से कार्यकर्ताओं को जानकारी दी गई है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. हालांकि इस बात से भाजपा (BJP) कार्यकर्ता संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि चुनावी राजनीति से खुद को एक दूरी पर रखने के लिए देओल की ओर से यह सिर्फ एक बहाना है. कार्यकर्ताओं में चर्चा है कि भाजपा (BJP) में हर कोई जानता है कि अभिनेता 2024 का चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं. इसीलिए उन्हें विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में भी कोई दिलचस्पी नहीं है. यहां उल्लेखनीय यह है कि गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र में 15 लाख से अधिक वोटर हैं.
सनी देओल (Sunny Deol) 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से अपने क्षेत्र में कम ही नजर आते हैं. यहां तक कि जब बीते साल कोरोना (Corona) अपने चरम पर था तब भी उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र का एक बार भी दौरा नहीं किया. पठानकोट (Pathankot) में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके गुमशुदा होने के पोस्टर बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर लगाए थे. इन पर लिखा था कि जिस किसी को भी सनी देओल मिलें वह यूथ कांग्रेस पठानकोट से संपर्क करें. उचित इनाम पाएं.
हालांकि सनी देओल (Sunny Deol) ने कोरोना काल में जनता के लिए मास्क, पीपीई किट (PPE Kit) और सैनिटाइजर क्षेत्र में भिजवाए थे. पठानकोट, गुरदासपुर और बटाला के लोगों के लिए तीन आधुनिक सुविधा से लैस एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस भी मुहैया करवाई थी. लेकिन उन्होंने कभी क्षेत्र का रुख नहीं किया. गौरतलब है कि सनी देओल ने जीत से राजनीतिक पारी शुरू करते हुए गुरदासपुर (Gurdaspur) से मौजूदा सांसद कांग्रेस के सुनील जाखड़ (Sunil Jakhad) को शिकस्त दी थी.
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विनोद खन्ना चार बार रह चुके हैं सांसद
गुरदासपुर (Gurdaspur) लोकसभा सीट से भाजपा (BJP) के ही टिकट पर अभिनेता विनोद खन्ना (Vinod Khanna) 1998, 1999, 2004 और 2014 में 4 बार सांसद चुने गए थे. कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह बाजवा के सामने 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन 2014 में एक फिर विनोद खन्ना ने जीत हासिल की थी. उनके निधन के बाद 2017 में उपचुनाव हुआ. इसमें कांग्रेस (Congress) के सुनील जाखड़ ने जीत हासिल की थी, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं.