ब्रिटेन की गुरुद्वारा समितियों ने खालिस्तानी ताकतों के खिलाफ खोला मोर्चा, PM मोदी को कहा- धन्यवाद

नयी दिल्ली। विदेशों से भारत विरोधी अभियान चलाने वाले खालिस्तानियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए ब्रिटेन के किनारा कर लिया है। लंदन के साउथ हॉल में ब्रिटेन के अधिकांश प्रमुख गुरुद्वारों ने खालिस्तानी ताकतो से मुंह मोड़ते हुए इनका खुलकर विरोध शुरू कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया और उनकी जमकर प्रशंसा की।

PM मोदी का जताया आभार

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिख समुदाय ने रविवार को गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में एकत्रित होकर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार को धन्यवाद देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। इसके साथ ही उन्होंने 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाए जाने और इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। दरअसल, सिख नेताओं और गुरुद्वारा समिति के पदाधिकारियों ने उन लोगों को चुनौती दी जो भारत और इसकी मौजूदा सरकार के बारे में तथ्यात्मक रूप से गलत प्रचार प्रसार को आगे बढ़ा रहे हैं।

आपको बता दें कि ब्रिटेन में सिख समुदाय द्वारा पारित किए गए इस प्रस्ताव को एक साहसिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले हमें महज खालिस्तानियों द्वारा दिखाए गए प्रोपोगेंडा की खबरें पढ़ने को मिलती थीं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

देश की एकता पर ना आए आंच

गुरु गोबिंद सिंह की 365वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि साल 2022 से 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। यह गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों की बहादुरी और शहादत को श्रद्धांजलि होगी। इससे पहले उन्होंने सिख गुरुओं द्वारा किए गए योगदान की सराहना की थी। उन्होंने कहा था कि यह केवल समाज और आध्यात्मिकता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हमारा राष्ट्र, राष्ट्र की चिंतन, राष्ट्र की आस्था और अखंडता अगर आज सुरक्षित है तो उसके भी मूल में सिख गुरुओं की महान तपस्या है।

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उन्होंने कहा था कि जिस तरह गुरु तेगबहादुर मानवता के प्रति अपने विचारों के लिए सदैव अडिग रहे, वह हमें भारत की आत्मा के दर्शन कराता है। जिस तरह देश ने उन्हें हिन्द की चादर की पदवी दी, वह हमें सिख परंपरा के प्रति हर एक भारतवासी के जुड़ाव को दिखाता है। औरंगजेब के खिलाफ गुरु तेग बहादुर का पराक्रम और उनका बलिदान हमें सिखाता है कि आतंक और मजहबी कट्टरता से देश कैसे लड़ता है। इसी तरह, दशम गुरु गुरुगोबिन्द सिंह साहिब का जीवन भी पग-पग पर तप और बलिदान का एक जीता जागता उदाहरण है।