मुख्यमंत्री ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील करने के साथ नए साल की दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रदेशवासियों को नववर्ष 2022 की बधाई देते हुए कहा कि आने वाला वर्ष हम सभी के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करेगा। मुख्यमंत्री ने नए वर्ष का उत्सव मनाते समय कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है।

नववर्ष की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों के सुख, शांति व समृद्धि की कामना की है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सरकार के विकास कार्यों को गिनाते हुए कहा कि जनता के समस्याओं को दूर करने के लिए पूरे संकल्प के साथ काम किया गया। उन्होंने कहा कि हमने हर विभाग से अगले दस साल का रोड मैप मंगवाया है, ताकि हम भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप राज्य के विकास का खाका खींच सकें। उत्तराखंड को लेकर हमारी नीति और नीयत दोनों ही स्पष्ट हैं, ईमानदार हैं। जिस विकास पथ पर अपना उत्तराखंड बढ़ चला है, हमें इस यात्रा को रुकने नहीं देना है। हमने अपने प्रदेश को, राज्य की रजत जयंती वर्ष 2025 तक भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में बहुत से ऐसे काम हुए हैं, जो पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे। पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार की ओर से एक लाख करोड़ रूपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। इनमें बहुत सी योजनाओं पर काम हो गया है या काम तेजी से चल रहा है। हमने कनेक्टिविटी को विकास का मूल मानकर कार्य किया है। पहाड़ पर रेल का जो स्वप्न उत्तराखंड की कई पीढ़ियां वर्षों से देख रहीं थीं वो भी अब साकार होता प्रतीत हो रहा है।

ऊधमसिंहनगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है। एक तरफ राज्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का काम किया जा रहा है वहीं पर्यटन, रोजगार और पलायन जैसे विषयों पर भी ठोस रणनीति बना कर प्रो एक्टिव मोड में कार्य किये जा रहे हैं। हमारी होम स्टे योजना पर्यटन और पर्यटन केंद्रित रोजगार के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित कर रही है। उत्तराखंड देवभूमि ही नहीं, वीरभूमि भी है। देहरादून में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कर इसे पहले से भी अधिक भव्यता प्रदान की गई। यहां परम पूज्य आदि गुरू शंकराचार्य जी की समाधि का पुनर्निर्माण किया गया।

कुमाऊं संभाग में लगभग 500 करोड़ से अधिक की लागत से एम्स का सेटेलाइट सेंटर के प्रारम्भ होने के पश्चात उत्तराखंड भारत का वह पहला राज्य बन जाएगा जहां एम्स के अतिरिक्त एम्स का सेटेलाइट सेंटर भी स्थापित होगा। पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों तक उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के उद्देश्य से 455 करोड़ रुपये की लागत से पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज के निर्माण का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है।

हमारी सरकार युवाओं के लिए समर्पित सरकार है। हमने 24 हजार सरकारी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है। ऑनलाइन पढ़ाई को और सुगम बनाने के लिए राज्य के राजकीय स्कूलों के कक्षा 10 और 12 के छात्र-छात्राओं और गवर्नमेण्ट डिग्री कॉलेजों के छात्रों को टैबलेट के लिए डीबीटी द्वारा राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

प्रदेश में कोरोना से प्रभावित पर्यटन, परिवहन व संस्कृति क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए लगभग 200 करोड़, चिकित्सा क्षेत्र के लिए 205 करोड़ जबकि महिला स्वयं सहायता समूहों और राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों को 118 करोड़ रुपये का कोविड राहत पैकेज दिया जा रहा है। कोरोना प्रभावित परिवारों के निराश्रित बच्चों को वात्सल्य योजना का सहारा दिया गया है। ऐसे बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक 3000 रुपये प्रति माह दिये जाएंगे। राज्य सरकार इन बच्चों का एक अभिभावक की तरह पूरा संरक्षण करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 2 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना से सफलापूर्वक लड़ाई लड़ी है। अभी भी हमें सावधानी बरतनी है। पूरे विश्व ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोरोना से निपटने के कार्यों की सराहना की गई है।

उत्तराखंड पूर्ण रूप से पात्र लाभार्थियों को कोरोना वैक्सीन की प्रथम डोज लगाये जाने वाला राज्य बन गया है। शतप्रतिशत दूसरी डोज का लक्ष्य भी जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। प्रत्येक जिले में ऑक्सीजन प्लांट प्रारम्भ किए गए हैं। हमने राज्य में निशुल्क जांच योजना प्रारम्भ की है। इसके तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथालॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा मिल रही है।

समाजवादी नेता की फिसली जुबान, सपा को उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प!

आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 44 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री जी के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए हमने मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना की शुरुआत की है। इसके तहत प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है। हमारी सरकार ने आंगनबाड़ी बहनों के मानदेय में बढ़ोतरी की है।