आस्ट्रेलियाई संसद में वहां मौजूद तीन में से एक महिला कर्मी यौन शोषण का शिकार हुई है। यह दावा एक रिपोर्ट में किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया की संसद और अन्य सरकारी विभागों में हर तीन कर्मचारियों में से एक ने यौन उत्पीड़न का अनुभव किया है। इसमें ज्यादातर महिला कर्मी हैं। मंगलवार को संसद में पेश हुई रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने इसे भयावह बताया है।
इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई संसद की पूर्व कर्मचारी ब्रिटनी हिगिंस ने आरोप लगाया था कि एक मंत्री कार्यालय में उनके सहयोगी ने उनका रेप किया, जिसके बाद ये रिपोर्ट कमीशन की गई थी। हिंगिस की इस कहानी के सामने आने के बाद कई लोगों ने अपने साथ हुए यौन शोषण और दुराचार की बातें साझा कीं है।
सेट द स्टैंडर्ड शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में पाया गया कि 51% कर्मचारी किसी न किसी रूप में बुली, यौन उत्पीड़न और यौन हमले की कोशिश का शिकार रहे हैं। 1,700 से अधिक लोगों ने इस रिपोर्ट में अपने अनुभव साझा किए हैं। लगभग 37% कर्मचारियों ने कहा है कि उन्हें इस यौन शोषण का खुलासा न करने के लिए धमकाया गया। इस रिपोर्ट के लिए 1,723 लोगों और 33 संगठनों से बात की गई है। रिपोर्ट में पाया गया है कि 63% महिला सांसद भी कभी ना कभी यौन उत्पीड़न का शिकार रहीं। रिपोर्ट में सुझाव के तौर पर कहा गया है कि लीडरशिप और जेंडर बैलेंस में सुधार किया जाए।
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ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि उनका प्रशासन रिपोर्ट की 28 सिफारिशों को अपनाने की हामी भर चुका है।