मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा खुद को रोशनी एक्ट का लाभार्थी कहना जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती को बिलकुल भी रास नहीं आया है। महबूबा ने सत्यपाल मलिक पर उनके इस बयान के खिलाफ जमकर हमला बोला है। उन्होंने राज्यपाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही है।

राज्यपाल ने लगाए थे गंभीर आरोप
महबूबा ने ट्वीट कर लिखा है कि मुझे रोशनी एक्ट का लाभार्थी बताना शर्मनाक है। मेरी लीगल टीम उनके खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी कर रही है। उनके बास अपना बयान वापस लेने का विकल्प खुला है। ऐसा नहीं होने पर उन्हें कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। अब जिस बयान पर महबूबा बिफरी हैं, वो भी बता देते हैं।
दरअसल, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक कार्यक्रम के दौरान रोशनी एक्ट का जिक्र करते हुए फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती मुफ़्ती पर गंभीर आरोप लगाए थे। राज्यपाल ने अपने इस बयान में कहा था कि 2001 में फारूक अब्दुल्ला इस कानून को लेकर आए थे। इसका उदेश्य तो घाटी में बिजली व्यवस्था को सुधारना था, लेकिन इसकी वजह से कई एकड़ के प्लाट फारूक, उमर और महबूबा ने अपने नाम कर लिए।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इस बात का भी जिक्र किया कि उनके कहने पर ही हाई कोर्ट में इस मामले को लेकर जाया गया था। फिर हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच बैठा दी और सभी सरकारी कर्मचारियों को अलॉट की गई जमीनों को रद्द कर दिया गया।
अब सत्यपाल मलिक के मुताबिक सीबीआई आदेश के बाद भी समस्या का हल नहीं निकला था। उन्होंने अधिकारियों को जमीन को चिन्हित करने को कह दिया। लेकिन तब अधिकारियों ने ये कहकर मना कर दिया कि उनके जाते ही जमीन पर फिर कोई कब्जा कर लेगा। अब यहीं पर सत्यपाल मलिक ने महबूबा का जिक्र किया। उन्होंने एक अधिकारी के बयान को साझा करते हुए बोला कि महबूबा के आदमियों को भूमि पर कब्जा करने में समय नहीं लगेगा। उनका एक आदमी बस खूंटा गाढ़कर भैंस बांध देगा और किसी भी जमीन को अपना बता देगा।
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इसी बयान ने महबूबा को आग-बबूला कर दिया है और उन्होंने सत्यपाल मलिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कह दी है। अभी तक सत्यपाल मलिक की तरफ से कोई सफाई पेश नहीं की गई है, उन्होंने अपना बयान भी वापस नहीं लिया है।
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