प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुशीनगर के महापरिनिर्वाण मंदिर परिसर में 20 अक्टूबर को संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय बौद्ध कॉन्क्लेव का भी उद्घाटन करेंगे। यह कॉन्क्लेव 22 अक्टूबर को समाप्त होगा।
इस कॉन्क्लेव में तिब्बत,श्रीलंका,भूटान व भारत के 5000 बौद्ध भिक्षु भाग लेंगे। प्रधानमंत्री कॉन्क्लेव में 20 बौद्ध भिक्षुओं को चीवर दान भी करेंगे। वह भिक्षुओं को सम्बोधित भी करेंगे। बौद्ध कॉन्क्लेव को लेकर संस्कृति सचिव व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने स्थानीय बौद्ध भिक्षुओं से बैठक कर चर्चा की। आयोजन महापरिनिर्वाण मन्दिर परिसर में किया जाएगा।
चीवर दान का महत्व
बौद्ध धर्म में भिक्षुओं के लिए वर्षावास काल का विशेष महत्व है। भगवान बुद्ध ने भी त्रैमासिक वर्षावास काल व्यतीत किया था। और बौद्ध भिक्षुओं बरसात के मौसम में एक ऊंचे स्थान पर रहकर ध्यान, साधना व पूजा-अर्चना में त्रैमासिक वर्षावास काल व्यतीत करने का निर्देश दिया था। इस बुद्धकालीन परंपरा को आज भी बौद्ध भिक्षु जीवंत रखे हैं। वर्षावास के बाद बौद्ध श्रद्धालुओं द्वारा बौद्ध भिक्षुओं को चीवर सहित अन्य जरूरत की वस्तुओं को दान करने की परंपरा है। आज भी थेरवादी परंपरा को मानने वाले बौद्ध श्रद्धालु व बौद्ध भिक्षु इसमें हिस्सा लेते हैं।
इंटरप्रिटेशन सेंटर की तरफ से प्रधानमंत्री का प्रवेश
मैत्रेय भूमि पर बने हेलीपैड पर पीएम की हेलीकाप्टर फ्लीट लैंड करेगी। यहां से प्रधानमंत्री कार फ्लीट से इंटरप्रिटेशन सेंटर के लिए रवाना होंगे। महापरिनिर्वाण मंदिर में पीएम का प्रवेश इंटरप्रिटेशन सेंटर की तरफ से होगा। सेंटर के परिसर में पीएम की फ्लीट पार्क होगी।
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बैटरी चलित कार से जायेंगे पीएम
इंटरप्रिटेशन सेंटर परिसर से पीएम मुख्य मंदिर की 500 मीटर की दूरी बैटरी चलित कार से तय करेंगे। कार के लिए परिसर में पाथ-वे बना है। पाथ-वे पर कार के लिए तीन स्थानों पर रैम्प बनाए गए। मंदिर से 50 मीटर पहले पीएम बैटरी कार से उतर जायेंगे। यहां से मंदिर की सीढ़ियों तक की दूरी वह पैदल तय करेंगे। पैदल मार्ग पर रेड कार्पेट बिछा रहेगा। शनिवार को बैटरी कार का रिहर्सल हुआ। चिड़ियाघर से दो बैटरी कार मंगाई गई है। एक पर प्रधानमंत्री व दूसरे पर सुरक्षा दस्ता मौजूद होगा।