समाजवादी पार्टी के मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार सुबह अपने ट्वीटर हैंडल से प्रदेशवासियों को महानवमी के अवसर पर रामनवमी की बधाई दी तो भाजपा समर्थकों ने उनकी खूब चुटकी ली। साथ ही उन्हें चुनावी हिन्दू करार दिया है।
महानवमी के अवसर पर रामनवमी की बधाई देने वाले अकेले अखिलेश यादव नहीं हैं। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भी गुरुवार को रामनवमी की बधाई दी। इसके बाद अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा सोशल मीडिया में घिरते नजर आए। उन दोनों की कड़ी आलोचना हुई।
हालांकि जब यह नेता ट्रोल होने लगे तो आनन-फानन में ट्वीट को डिलीट किया गया। इसके बावजूद उनकी खूब चुटकी ली गई। यह बात कही जाने लगी कि क्या वाकई सपा और कांग्रस के इन नेताओं को रामनवमी और महानवमी में फर्क नहीं पता है।
उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ट्वीट कर लिखते हैं कि प्रभुराम, राजा दशरथ के पुत्र हैं। लक्ष्मण उनके भाई हैं। वे अयोध्या के राजा थे, उन्होंने रावण का वध किया, रावण का राज लंका में था।
वे आगे लिखते हैं कि यह जानकारी आप व उन सभी ‘नए नवेले’ हिंदुओं के लिए जो हिंदुओं से प्रचंड नफरत करते हैं, परंतु चुनावी मौसम में हिन्दू बन घूम रहे हैं। और, हां आज रामनवमी नहीं महानवमी है।
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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि लंबे समय तक हिन्दू बहुसंख्यकों का अपमान और मुस्लिम अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण, सपा-बसपा-कांग्रेस सरीखे दल करते रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि अब यह ‘चुनावी हिन्दू’ चुनाव देखकर हिन्दुओं को साधने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन रामनवमी और महानवमी में अंतर नहीं जानते। अपने व्रत त्यौहार, परंपरा, संस्कार तक भूल गये हैं।