चमोली। पर्यटकों के लिये अच्छी खबर आई है। चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी के सौंदर्य पांच सौ से अधिक पर्यटक निहारने पहुंच चुके हैं। अगस्त माह से इसको पर्यटकों के लिये खोल दिया गया था।
आपको मालूम है कि यहां हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक आते हैं और इसकी सुंदरता का लुत्फ उठाते हैं। यह एक राष्ट्रीय उद्यान है जो कि गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में स्थित है। इसे विश्व की धरोहर घोषित किया गया है।
आपकों बता दें कि फूलों की घाटी में अनेक प्रकार की प्रजातियों के फूलों खिलते हैं। यहां फूलों की 300 से भी अधिक प्रजाति हैं। सबसे पहले घाटी में एनीमोन और प्रिमुला प्रजाति के पुष्प खिलते हैं। उसके बाद जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, पोटेंटिला, लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस, इंडुला, सौसुरिया, कंपानुला, पेडिक्युलरिस, मोरिना, इंपेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया प्रजाति के फूल खिलते है। यहां पर अब पर्वत श्रृंखलाओं की तलहटी में ब्रह्मकमल भी खिले रहे हैं।
रामायण और महाभारत में भी इसका वर्णन
फूलों की घाटी के बारे में कहा जाता है कि रामायण और महाभारत में भी इसका वर्णन मिलता है। मान्यता है कि यही वह जगह है जहां से हनुमान जी भगवान राम के भाई लक्ष्मण के लिए संजीवनी बुटी लाए थे।
यह भी जानिये
-फूलों की घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है
-यूनेस्को ने इसे 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया था
-पर्वतों से घिरी हुई यह घाटी बेहद खूबसूरत है
-यहां आपको फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी
-यह क्षेत्र बागवानी विशेषज्ञों और फूल प्रेमियों के लिए बेहद मशहूर है