लखनऊ। जीवनदायिनी 102 एम्बुलेंस सेवा बुधवार को एक बार फिर जच्चा-बच्चा की जीवनरक्षा करने में सफल रही। आलमनगर के बादशाह खेड़ा क्षेत्र में रहने वाली एक महिला को अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही एम्बुलेंस कर्मचारियों ने प्रसव कराया। प्रसव के बाद जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
102 एम्बुलेंस के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) प्रमोद कुमार और पायलट रामबहोरे सिंह ने बताया कि उन्हें बुधवार सुबह सूचना मिली कि आलमनगर के बादशाहखेड़ा क्षेत्र में रहने वालीं नेहा को प्रेगनेंसी केस के लिए 102 एम्बुलेंस सेवा की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि यह सूचना मिलते ही वे प्रसूता के घर पहुंच गये। वह एम्बुलेंस में महिला को लेकर अस्पताल की ओर रवाना हो गये। लेकिन रात में ही महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई। ऐसे में ईएमटी प्रमोद ने एम्बुलेंस को रास्ते में रोककर महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। इसके बाद ईएमटी ने जच्चा-बच्चा को बाल एवं महिला चिकित्सालय टुड़ियागंज में भर्ती करा दिया गया।
इस दौरान परिजनों ने प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही 102 एम्बुलेंस सेवा की सराहना की। एम्बुलेंस सेवा के रीजनल मैनेजर इंद्रजीत सिंह में बताया कि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति के लिए 102 एम्बुलेंस में डिलीवरी किट उपलब्ध रहती है। एम्बुलेंस कर्मचारी इमरजेंसी में डिलीवरी कराने के लिए प्रशिक्षित होते हैं। 102 सेवा पूरी तरह से फ्री है और गर्भवती महिलाओं व दो साल तक के बच्चों को घर से अस्पताल पहुंचाती है। इलाज के बाद एम्बुलेंस वापस घर भी छोड़ती है।