अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्य्क्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद सबसे बड़ा सवाल था कि मठ बाघम्बरी की गद्दी अब किसे सौंपी जाएगी। हालांकि अब इसका निर्णय लिया जा चुका है। दरअसल, बलवीर गिरि को ही बाघम्बरी मठ की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। यह वही नाम है, जिसका उल्लेख महंत नरेंद्र गिरी के शव के पास मिले सुसाइड नोट में किया गया था। महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट में भी बलबीर गिरी को उत्तराधिकारी घोषित करने की बात कही गई थी।
महंत नरेंद्र गिरी के उत्तराधिकारी के नाम पर लगेगी मुहर
बताया जा रहा है कि बलबीर गिरी को महंत नरेंद्र गिरी का उत्तराधिकारी बनाने पर मुहर तो लग गई है लेकिन अभी इसका कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है। यह ऐलान आगामी पांच अक्टूबर को होने वाले सोडसी भोज के दिन किया जाएगा। इसके पहले आगामी शुक्रवार को निरंजनी अखाड़े के संतों की एक बैठक होने वाली है। इस बैठक में बलबीर गिरी के नाम पर मुहर लगने बाद सोडसी भोज के दौरान पंचपरमेश्वर की बैठक होगी। इसके बाद ही पूरे विधि विधान से बलवीर गिरि का पट्टाभिषेक कर उन्हें मठ बाघम्बरी गद्दी का महंत बनाया जाएगा।
आपको बता दें कि जिस तरह से आम ब्यक्ति की मौत के 13 दिन के बाद तेरहवीं संस्कार का आयोजन किया जाता है, ठीक वैसे ही साधू-संतों की मौत के बाद सोडसी भोज का आयोजन किया जाता है, जो 16 दिन बाद मनाया जाता है। इस सोडसी भोज में मृतक साधु के 16 पसंदीदा वस्तुओं का दान भी किया जाता है और भोज कराया जाता है। माना जाता है कि इससे मृतक आत्मा को 16 संस्कारों से मुक्ति मिल जाती है।
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35 वर्ष के बलवीर गिरि उत्तराखंड के निवासी हैं। साल 2005 में बलवीर गिरि को महंत नरेंद्र गिरि ने दीक्षा दी थी और बलवीर गिरि ने सन्यास धारण कर लिया था। बलवीर गिरि हरिद्वार में बिल्केश्वर महादेव की देखरेख व व्यवस्था देखते थे। महंत नरेंद्र गिरि ने आंनद गिरि से नाराज होकर अपनी बदली वसीहत में बलवीर गिरि को मठ का उत्तराधिकारी घोषित किया है। अब 5 अक्टूबर को बलवीर गिरि महंत की कुर्सी पर विराजमान हो जाएंगे।