उत्तर प्रदेश में स्थित उन्नाव संसदीय क्षेत्र बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत को लेकर बड़ा दावा किया है। बीजेपी सांसद के इस दावे ने एक बार फिर सियासत का माहौल गर्म कर दिया है। दरअसल, साक्षी महाराज ने महंत नरेन्द्र गिरी की मौत को आत्महत्या के बजाय हत्या करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने महंत की सुरक्षा में तैनात कर्मियों पर उंगली भी उठाई है। इसी के साथ साक्षी महाराज ने इस मामले की जांच कर रही सीबीआई से सच सामने लाने की मांग की है।
साक्षी महाराज ने कहा- महंत नरेंद्र गिरी बहादुर थे
मिली जानकारी के अनुसार, बयान हरिद्वार में आयोजित स्वामी वामदेव की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम के दौरान साक्षी महाराज ने बीते रविवार को कहा कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या नहीं की है, उनकी हत्या हुई है। साक्षी महाराज ने कहा कि मेरे परम मित्र महंत नरेंद्र गिरी बहादुर थे और वो कभी आत्महत्या के बारे में सोच नहीं सकते। साक्षी महाराज ने कमरे से मिले सुसाइड नोट को भी फर्जी बताया है।
सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि मैं धन्यवाद करना चाहूंगा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कि साधु-संतों और हमने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी, जिसकी सिफारिश मुख्यमंत्री द्वारा कर दी गई है। सीबीआई इसमें दूध का दूध और पानी का पानी करे ताकि महंत नरेंद्र गिरी के हत्यारे पकड़े जाएं। मैं और कुछ संत सीबीआई डायरेक्टर से मिलकर इस मामले के जल्द खुलासे का आग्रह करेंगे।
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गौरतलब है कि बीते दिनों नरेंद्र गिरी का शव प्रयागराज जिले में स्थित आश्रम के उनके कमरे में पंखे से लटकता हुआ मिला था। इस दौरान पुलिस को शव के पास के एक सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें आनंद गिरी पर परेशान करने का आरोप लगाया गया था। इसी के बाद पहले पुलिस ने आनंद गिरि को हरिद्वार से हिरासत में लिया था। हालांकि बाद में उसे गिरफ्तार किया गया। इस मामले में हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने इन तीनों ही आरोपियों की कस्टडी रिमांड मांगी है।