अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के वापस जान के बाद बीते दिन भारतीय राजदूत दीपक मित्तल और तालिबान के नेता शेर मोहम्मद अब्बास के बीच हुई बैठक अब सियासी रूप लेती नजर आ रही है। दरअसल, इस बैठक को लेकर मुरादाबाद के सपा सांसद एसटी हसन ने कई गंभीर सवाल खड़े किये हैं। सपा सांसद ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए तालिबान की खातिरदारी करने का आरोप लगाया है।
सपा सांसद ने लगाए गंभीर आरोप
सपा सांसद ने कहा कि भारत सरकार की ऐसी कौन सी मजबूरी है कि तालिबान की खातिरदारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक तो देश में ये संदेश दिया जा रहा था कि तालिबान खौफनाक आतंकवादी हैं। अगर कोई तालिबान की तारीफ कर देता था तो उसके खिलाफ मुकदमा हो जाता था। आज भारत सरकार खुद तालिबानी नेताओं से बातचीत कर रही है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत सरकार मजबूर होकर देश के लोगों के लिए देशहित को ध्यान में रख कर तालिबान के सामने झुकती है तो हम सरकार के साथ हैं और कोई विरोध नहीं करेंगे।
सपा सांसद ने कहा कि अगर अफगानिस्तान में हमारे लोग फंसे हुए हैं तो क्या हम इतने ताकतवर नहीं हैं कि काबुल जाकर एयरपोर्ट पर कब्जा करें और वहां से अपने लोगो को निकालें। हम सर्जिकल स्ट्राइक भी करना जानते हैं। हम उनके क्षेत्र में घुसकर भी अपने लोगों को ला सकते हैं। हसन ने कहा कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी या कौन सी इमरजेंसी थी कि हमे उनसे बात करनी पड़ रही है।
यह भी पढ़ें: कांग्रेस की आपसी जंग के बीच हरीश रावत को मांगनी पड़ी माफी, की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
सपा सांसद ने आरोप लगाया कि भारत सरकार इस मामले में शुरू से ही कंफ्यूज रही है और अपना कोई क्लियर स्टैंड लिया नहीं लिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार अफगानिस्तान में तीन लाख करोड़ डॉलर का निवेश कर चुकी है। अब वो पैसा वापस कैसे लेकर आएगी।