महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विरुद्ध कथित अपमानजनक वक्तव्य मामले में केंद्रीय उद्योगमंत्री नारायण राणे को रायगढ़ जिले की महाड मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जमानत दे दी है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने इसे सत्य की जीत बताया है।
केंद्रीय मंत्री को बीती रात किया गया था गिरफ्तार
नारायण राणे को मंगलवार दोपहर रत्नागिरी पुलिस ने चिपलुन के गडवली गांव से गिरफ्तार किया था। इसके बाद रत्नागिरी पुलिस ने नारायण राणे को महाड पुलिस को सौंप दिया था। महाड पुलिस ने देर रात नारायण राणे को महाड मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया।
मजिस्ट्रेट बाला साहेब पाटिल के समक्ष सरकारी वकील ने नारायण राणे की सात दिनों की रिमांड मांगी। इसका विरोध करते हुए नारायण राणे के वकील ने दलील दी कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है। वकील ने यह भी तर्क दिया कि इस संदर्भ में नारायण राणे से पुलिस को कोई दस्तावेज अथवा तथ्य भी हासिल नहीं करने हैं। साथ ही नारायण राणे उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह से पीड़ित हैं। इसलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए । इस पर मजिस्ट्रेट ने नारायण राणे को जमानत मंजूर कर दी।
आरोप है कि रायगढ़ जिले के महाड में एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने पत्रकार वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विरुद्ध अपमानजनक वक्तव्य दिया था। इसके बाद महाड पुलिस स्टेशन में नारायण राणे के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया। साथ ही इसी मामले को लेकर नासिक सायबर पुलिस में भी मामला दर्ज किया था।
इस मामले में नासिक सायबर पुलिस के उपायुक्त दीपक पांडे ने नारायण राणे को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया था। आदेश के बाद नासिक पुलिस रत्नागिरी पहुंची और भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध के बीच नारायण राणे को गिरफ्तार कर लिया। राणे को पहले नासिक के संगमेश्वर पुलिस स्टेशन ले जाया गया। वहां मेडिकल चेकअप आदि के बाद ऐसा लगा कि उन्हें नासिक के ही किसी कोर्ट में पेश किया जायेगा।
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काफी ऊहापोह के बाद तथ्य रखा गया कि नारायण राणे पर सर्वप्रथम मामला महाड पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। इस आधार पर रत्नागिरी पुलिस ने नारायण राणे को महाड पुलिस स्टेशन को सौंप दिया ।