विकासकार्यों को खोखला कर रही भ्रष्टाचार की जड़ें, डूडा में खेला जा रहा धन उगाही का खेल

राजधानी लखनऊ के जिला नागरिक विकास प्राधिकरण डूडा से भ्रष्टाचार का काला सच सामने आया है। दरअसल, यहां सांसदों और मंत्रियों के नाम पर जबरदस्त धन उगाही की जा रही है, जिसका हिस्सा नीचे से लेकर ऊपर तक तक पहुंचाया जा रहा है। केवल इतना ही नहीं, यहां विकास कार्यों के लिए जारी किये जाने वाले ठेकों को दिलवाने के नाम पर भी धांधली की जा रही है। कुल मिलाकार योगी सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए विभाग के खातों में डाले गए करोड़ों रुपये हजम करने के लिए सभी तैयारी में जुटे हैं।

डूडा में जारी है धन-उगाही का खेल

मिली जानकारी के अनुसार, डूडा के अधिकारी तगड़ी धांधली करने के जुटे हैं। ये अधिकारी सांसद और मंत्रियों के ना, पर जबरदस्त धन उगाही करने में लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि यहां ठेके लेने वालों को इस ठेके और काम के एवज में पहले लाखों रुपये का चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है। इसके बाद ही उन्हें उनके मेहनत की रकम मिल पाती है।

बताया जा रहा है कि यहां अधिकारियों में सभी के हिस्से भी निर्धारित कर रखे हैं। जैसे सांसदों और मंत्रियों के नाम पर पांच-पांच प्रतिशत, अधिकारी-कर्मचारी के नाम पर तीन, पार्षद के नाम पर दो प्रतिशत लगभग निर्धारित हो चुका है। अगर किसी ठेकेदार को काम करवाने के बाद अपना भुगतान चाहिए, तो उसे इनका चढ़ावा चढ़ाना ही पडेगा। विभाग में ठेकेदारों द्वारा दिए जाने वाले इस रकम को सुविधा शुल्क का नाम दिया गया है।

आपको बता दें कि डूडा प्रशासन द्वारा लखनऊ के विभिन्न वार्डों शहीद भगत सिंह, बाबू जगजीवन राम, अलीनगर सुनहरा, केसरी खेड़ा, देवपुर पारा, हरदोई रोड मुख्य मार्ग, फैजुल्लागंज, इस्माईलगंज, शंकरपुरवा प्रथम व द्वितीय, इंदिरानगर, प्रियदर्शनी, उतरटिया बस्ती, साल्हे नगर, अयोध्यादास वार्ड , तपोवन नगर, हैदरगंज द्वितीय, कन्हैया माधोपुर प्रथम, द्वितीय और तृतीय में सड़क, नाली और सडकों के निर्माण कार्यों के लिए करोड़ों रुपये की निविदा प्रकाशित की गई थी।

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इस सभी कार्यों के ठेके भी बंटे लेकिन यह ठेका हासिल करने वाले ठेकेदार विभाग द्वारा तय प्रतिशत की कमीशनबाजी के फेर में फंसे है, जिसकी वजह से वे कार्यों की गुणवत्ता से खिलवाड़ करने की तैयारी में जुटे हैं। वहीं कुछ ठेकेदार अभी तक इस कमीशन को अभी तक पहुंचाने में समर्थ नहीं हुए हैं जिसकी वजह से अनुबंध तक नहीं हो सका है।

नगर निगम के सभी वार्डों में करोड़ों रुपये के विकासकार्य कराए जाने हैं। लेकिन ठेकेदार कमीशनबाजी के चक्रव्यूह में बुरी तरह से फंसे हुए हैं। इसी वजह से अब इन ठेकेदारों ने प्रदेश स्तर पर डूडा प्रशासन के खिलाफ शिकायत करने तैयारी शुरू कर दी है।