अफगानिस्तान पर हुए कट्टरपंथी संगठन तालिबान के कब्जे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वापस लाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। हालांकि, देश के कुछ मुसलमान ऐसे भी हैं, जो तालिबान का समर्थन करते नजर आ रहे हैं। इस फेहरिस्त में अब भारतीय मुसलमानों के बड़े संगठनों में से एक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खलीलुर रहमान सज्जाद नोमानी का नाम शामिल हो गया है।
सपा सांसद और पीस पार्टी ने भी किया तालिबान का समर्थन
मौलाना नोमानी ने अपने एक बयान में तालिबान का समर्थन किया हो और उसे जीत की मुबारकबाद दी है। इतना ही नहीं नोमानी ने तालिबान को सलाम भी किया है। नोमानी ने तालिबान को लेकर कहा कि हिंदी मुसलमान आपको सैल्यूट करता है।
आपको बता दें कि इसके पहले सपा सांसद शफीकुर्रहमान और पीस पार्टी भी अपने बयानों में तालिबान का समर्थन करते नजर आए थे। सपा सांसद शफीकुर्रहमान ने अपने एक बयान में तालिबानी आतंकियों को देश के स्वतंत्रता सेनानियों की तरह बताया था। उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा किये गए कब्जे को सही करार देते हुए इसे आजादी की लड़ाई करार दिया था।
सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा था कि अफगानिस्तान की आजादी अफगानिस्तान का अपना मामला है। अफगानिस्तान में अमेरिका की हुक्मरानी क्यों? उन्होंने कहा कि तालिबान वहां की ताकत है। अमेरिका, रूस के तालिबान ने पैर नहीं जमने दिए। तालिबान की अगुवाई में अफगान आजादी चाहते हैं। भारत में भी अंग्रेजों से पूरे देश ने लड़ाई लड़ी थी। रहा सवाल हिंदुस्तान का तो यहां कोई कब्जा करने अगर आएगा उससे लड़ने को देश मजबूत है।
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वहीं, पीस पार्टी ने भी तालिबान का समर्थन किया था। पीस पार्टी के प्रवक्ता शादाब चौहान ने कहा था कि जब अमेरिका और तालिबान की पीस डील हो रही थी तो भारत का प्रतिनिधि वहां मौजूद था। जब भारत सरकार ने उस पीस डील का विरोध नहीं किया तो हम क्यों अपने पड़ोसी देश में बनने वाली सरकार से दुश्मनी लें।