बांग्लादेश की सरकार ने अमेरिका के उस आग्रह को मानने से इनकार कर दिया है जिसमें कहा है कि अफगानिस्तानी लोगों को बांग्लादेश में शरण दी जाए।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने दिया बयान
बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने बताया कि अमेरिका हमारे लिए एक मित्र राष्ट्र है। उन्होंने अनुरोध किया और हमने मना कर दिया। हमने कहा है कि हम रोहिंग्याओं से पीड़ित हैं, इसलिए कृपया हमें और परेशानी में न डालें। अमेरिका ने वाशिंगटन और ढाका के बीच राजनयिक माध्यम से अनुरोध किया।
अफगानिस्तान, बांग्लादेश का एक दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश है। दशकों से तालिबान के विद्रोह को लेकर उथल-पुथल में है। 20 साल पहले अमेरिका के नेतृत्व में तालिबान के निष्कासन के बाद, रविवार को राजधानी काबुल में प्रवेश कर गए क्योंकि सरकार गिर गई।
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अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और जापान समेत दुनिया के 60 देशों ने एक बयान जारी कर कहा है कि जो लोग अफगान सीमा से बाहर जाना चाहते हैं, उन्हें बिना कोई मुश्किल पैदा किए जाने दिया जाए।
उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने समावेशी विचार-विमर्श के जरिए अफगानिस्तान में नयी, एकीकृत, और प्रतिनिधित्व वाली ऐसी सरकार के गठन की अपील की है, जिसमें महिलाओं की पूर्ण भारीदारी हो। यूएनएससी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि तालिबान या कोई अन्य अफगान समूह किसी अन्य देश से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादियों का भी साथ नहीं दें। अफगानिस्तान पर रविवार को तालिबान का पूरा कब्जा होने के बाद 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की सोमवार को आपात बैठक हुई थी।
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