पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा रचित गीत पर कटाक्ष किया है। स्वतंत्रता दिवस के दिन इको पार्क में सुबह की सैर के लिए दिलीप घोष आए थे। उन्होंने पार्क में पहुंचे लोगों को शुभकामनाएं दी। इसके अलावा उन्होंने इकोपार्क में क्रिकेट भी खेला। खड़गपुर के सांसद ने बल्ले से चौके-छक्के लगाए। उन्होंने सबके साथ राष्ट्रगान भी गाया।
दिलीप घोष ने नहीं सुने ममता के गाने
स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री ने गाने लिखे, कंपोज किए और पोस्ट किए। इस संदर्भ में दिलीप घोष ने कहा कि अच्छी बात है। मैंने नहीं सुना। गाती तो अच्छा होता। यह सब पेपर प्रमोशन के लिए ऐसा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि देश में संरक्षित सम्मान बढ़ा है। देश को नए क्षेत्रों में नया सम्मान मिला है और यह मोदी से संभव हुआ है। मोदी है तो मुमकिन है।
कोरोना विधि की अनदेखी करते हुए स्वतंत्रता दिवस पालन का आरोप लगा है। इसे लेकर दिलीप घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में प्रतिबंध का पालन किसने किया है। तृणमूल कांग्रेस के लिए कोई नियम नहीं हैं। अगर बीजेपी सड़कों पर उतरते हैं, तो कानून बताया जाता है। किसी भी समारोह को करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। हर चीज से राजनीति करने की यही आदत है।
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सजल घोष की गिरफ्तारी को लेकर दिलीप घोष ने सवाल उठाया कि त्रिपुरा में तृणमूल के साथ जो हुआ उसका बदला है? इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है। यहां की तानाशाह सरकार की जो भी विरोध करेगी उसे खत्म करने की कोशिश करेगी। अगर कोई विपक्ष में शामिल होता है तो उसे स्वस्थ नहीं रहने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम एकता दिखाते हैं। मैं सुबह सड़क पर निकला और सबके साथ राष्ट्रगान गाया। बस यही करिये। उनके गाने कौन सुनता है।