बीते दिनों झारखंड के धनबाद में हुई जज की संदिग्ध मौत के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अख्तियार किया है। दरअसल, इस मामले को स्वतः संज्ञान में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी पर शिकंजा कसा है। सीजेआई एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने इन दोनों अधिकारियों को एक सप्ताह में रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश सुनाया है।
जज की मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने की यह टिप्पणी
जज की मौत के मामले को स्वतः संज्ञान में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देशभर में न्यायिक अधिकारियों पर हमले की कई घटनाएं हुई हैं। हम उनकी सुरक्षा के व्यापक विषय पर सुनवाई करेंगे। झारखंड हाईकोर्ट धनबाद के जज की कथित हत्या की जांच की निगरानी करता रहेगा।
दरअसल, बीते बुधवार को धनबाद जिले के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) आनंद उत्तम की एक वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। यह घटना तब घटित हुए जब वह कोयला शहर धनबाद की मजिस्ट्रेट कॉलोनी के पास सुबह की सैर कर रहे थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बाद में सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि एक ऑटो-रिक्शा ने जानबूझकर जज को टक्कर मारी थी।
ऑटो रिक्शा के चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ड्राइवर ने कथित तौर पर स्वीकार किया है कि उसने जज को वाहन से टक्कर मारी थी। ऑटो बुधवार रात को ही गिरिडीह जिले से बरामद किया गया था।
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जांच के दौरान पता चला कि मंगलवार को वह ऑटो चोरी हो गया था और बुधवार सुबह 5।08 बजे जज को उसी से टक्कर मारी गई। अस्पताल में सुबह 9।30 बजे जज की मौत हो गई। न्यायाधीश अपनी अदालत में हाई प्रोफाइल हत्या के मामलों सहित 15 से अधिक आपराधिक मामलों की सुनवाई कर रहे थे।