उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार ने 04 वर्षों में नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस मौके पर सीएम योगी ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. जेवर के लिए 1334 हेक्टेयर भूमि का लीज एग्रीमेंट किया। सीएम योगी ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट की स्थापना से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक अवस्थापना का संरचनात्मक विकास होगा। रोजगार और निवेश के अवसर बढ़ेंगे। प्रदेश में विगत 04 वर्षों के दौरान नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है।
सीएम योगी ने बताया- यूपी में 8 एयरपोर्ट क्रियाशील
सीएम योगी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विगत 04 वर्षों में 04 एयरपोर्ट (बरेली, प्रयागराज, हिंडन, कानपुर) का विकास कार्य पूर्ण कराया जा चुका है तथा 10 एयरपोर्ट(आगरा, सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, चित्रकूट, सोनभद्र, अयोध्या एवं जेवर) का विकास कराया जा रहा है। कहा कि प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी तथा कुशीनगर में अन्तर-राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं तथा जेवर एवं अयोध्या में बनने वाले अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डों से इनकी संख्या बढ़कर 05 हो जाएगी।
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप जेवर एयरपोर्ट प्रदेशवासियों के लिए न केवल मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय एयर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा। विनिर्माण और निर्यात को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही हवाई यात्रा सुगम होगी। पर्यटन के क्षेत्र में भी अप्रत्याशित वृद्धि होगी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नोएडा इण्टरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के रनवे की संख्या 2 से बढ़ाकर 06 किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस निमित्त प्रथम चरण (स्टेज-2) के लिए 1365 एकड़ भूमि के सापेक्ष राज्यांश 1084 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है।
सीएम योगी बताया कि प्रदेश में 2017 तक मात्र 4 पर्सनल एयरपोर्ट थे, उनमें से मात्र दो एयरपोर्ट से वायु सेवा चल पाती थी। लखनऊ व वाराणसी, गोरखपुर में एक फ्लाइट, वह भी कभी-कभी आती थी। यह स्थिति आगरा की भी थी। आज मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रदेश में 08 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि न केवल मेरठ के नागरिकों के लिए, अपितु उस क्षेत्र अन्य लोगों का भी जेवर एयरपोर्ट एक सपना था। जेवर एयरपोर्ट के अंतर्गत आने वाले उन सभी किसानों का मैं अभिनंदन करता हूं, जिन्होंने प्रशासन के साथ मिलकर भूमि अधिग्रहण के दृष्टिगत सकारात्मक माहौल बनाने में सकारात्मक योगदान दिया।
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गौरतलब है कि, जेवर एयरपोर्ट का विकास पीपीपी मॉडल के अनुसार चार चरणों में किया जाना है। वर्ष 2021-22 में इस एयरपोर्ट का निर्माण कार्य प्रारम्भ होकर प्रथम चरण का कार्य तीन वर्षों में पूर्ण होगा। जब यह एयरेर्पार्ट प्रारम्भ होगा तो 12 मिलियन पैसेंजर से शुरू होगा। जो चरणवार बढ़कर वर्ष 2040-50 तक 2.6 मिलियन टन कार्गो की क्षमता का विकास होगा। इससे व्यापार और उद्योगों को एक नई दिशा मिलेगी।