पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई सियासी हिंसा को लेकर सवालों के घेरे में आई बंगाल की सत्तारूढ़ ममता सरकार को एक बार फिर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। दरअसल, विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी को हराने वाले बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा वापस लेने की वजह से ममता सरकार को मुंह की खानी पड़ी है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को बड़ा आदेश सुनाते हुए कहा है कि शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा बहाल की जाए। ममता सरकार ने 18 मई 2021 को शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा हटा ली थी।
हाईकोर्ट ने ममता सरकार को सुनाया आदेश
दरअसल, शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार के इस फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए शनिवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की जस्टिस शिवकांत प्रसाद की एकल पीठ ने कहा कि अधिकारी पर कोई खतरा न आने पाए यह राज्य की जिम्मेदारी है, अन्यथा दोष राज्य सरकार का ही माना जाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि चूँकि अधिकारी को पहले से ही Z-कैटेगरी की सुरक्षा प्राप्त है इसलिए राज्य को अतिरिक्त कार्य करने की जरूरत नही है, बस जो सुरक्षा हटाई गई है उसे ही बहाल किया जाए।
बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी राज्य सरकार द्वारा अपनी सुरक्षा हटाए जाने के निर्णय के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट गए थे। अधिकारी का यह कहना था कि भले ही उन्हें केन्द्रीय सुरक्षा प्राप्त है लेकिन पायलट कार, रूट लाइनिंग और सार्वजनिक सभाओं के दौरान विभिन्न स्थानों के निरीक्षण के लिए उन्हें राज्य की सहायता की भी आवश्यकता है।
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इससे पहले भी कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल प्रशासन के सुरक्षा निदेशक को नोटिस जारी करके जवाब माँगा था। कोर्ट ने पूछा था कि इस संबंध में कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की जाए कि शुभेन्दु अधिकारी की सुरक्षा को वापस क्यों लिया गया। हालाँकि इस बारे में राज्य प्रशासन ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि अधिकारी की सुरक्षा के लिए ‘येलो बुक’ की गाइडलाइंस के अनुसार पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।