उत्तराखंड सरकार की ओर से श्रावण मास की कांवड़ यात्रा रद्द किए जाने के बाद सभी बॉर्डरों पर भारी पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। यह दूसरा मौका है, जबकि कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते कांवड़ यात्रा रद्द की गई है।
उत्तराखंड सरकार का यह फैसला राज्य हाई कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में अगले आदेश तक चार धाम यात्रा स्थगित करने के बाद सामने आया है। उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी की वजह से सावन माह में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को रद्द करने का निर्णय लिया है। इस बारे में उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि सरकार का लिखित आदेश पुलिस विभाग के पास नहीं आया। कावड़ यात्रा नहीं होगी, हम इसी संभावना को देखते हुए तैयारियां कर रहे हैं। हमने देख लिया है कि राज्य में किन बॉर्डरों से लोग आते हैं। वहां हमारी पुलिस तैनात रहेगी।’
बता दें कि अगर सब कुछ ठीक रहता तो 25 जुलाई से यह कांवड़ यात्रा शुरू कर दी जाती, जो कि छह अगस्त तक जारी रहती। राज्य हाई कोर्ट की ओर से अगले आदेश तक चार धाम यात्रा स्थगित करने के बाद यह आदेश सामने आया है।
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हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार को सात जुलाई को हलफनामा दायर करने को कहा था। प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट के स्टे ऑर्डर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का खटखटा दिया था, लेकिन कांवड़ यात्रा को रद्द करना संकेत दे रहा है कि चार धाम यात्रा पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं।