केरल हाईकोर्ट से लक्षद्वीप की फिल्म प्रोड्यूसर और एक्ट्रेस आयशा सुल्ताना को अग्रिम ज़मानत मिल गई है। लक्षद्वीप में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल खादर की शिकायत पर सुल्ताना के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि आयशा सुल्ताना ने कोरोना के मैनेजमेंट को लेकर लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल की आलोचना की थी। शिकायत में दावा किया गया कि एक मलयालम चैनल पर टीवी डिबेट के दौरान सुल्ताना ने कहा था कि लक्षद्वीप में कोविड फैलाने के जैविक हथियार का इस्तेमाल किया गया।
पिछले हफ्ते प्रशासन ने अपने बयान में कहा था कि सुल्ताना की जमानत याचिका विचार करने योग्य नहीं है क्योंकि याचिकाकर्ता ने कोई भी वास्तविक और विश्वास करने योग्य कारण नहीं बताया कि उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि कवरत्ती में रहने वाले एक राजनीतिक नेता द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 124-ए (देशद्रोह) और 153 बी (अभद्र भाषा) के तहत आरोपों के आधार 9 जून को मामला दर्ज किया गया था।
अग्रिम जमानत का विरोध
प्रशासन ने बयान में कहा था कि सुल्ताना ने केंद्र सरकार के खिलाफ गंभीर परिणाम वाला एक आधारहीन बयान दिया। इसमें कहा गया है, ‘एंकर की तरफ से चेतावनी दिए जाने के बावजूद, उन्होंने कहा कि उन्होंने जो कहा वह उस पर कायम है। साथ ही भी कहा कि वो ऐसा बयान देने के लिए किसी भी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं।’
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क्या कहा आयशा ने
आयशा सुल्ताना पर आरोप है कि उन्होंने टीवी पर डिबेट के दौरान लक्षद्वीप में कोविड-19 के फैलने को लेकर झूठी खबरें फैलाई। साथ ही उन्होंने लक्षद्वीप में प्रशासन की भी आलोचना की थी। सुल्ताना ने फेसबुक पोस्ट पर अपने बयान को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि डिबेट के दौरान उन्होंने बायो वेपन शब्द का इस्तेमाल किया था। मुझे लगा की पटेल की पॉलिसी बायो वेपन की तरह थी।