हिन्दू चंद्र कैलेंडर में माह में दो चतुर्थी तिथियां होती हैं। शुक्ल पक्ष की अमावस्या के बाद पहले विनायक चतुर्थी मनाई जाती है और कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा के बाद संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। जून माह में 14 जून (आज) को विनायक चतुर्थी मनाई जा रही हैं, जिसे वरद विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। वरद का मतलब का मतलब होता है ‘किसी की मनोकामना पूरी करने के लिए भगवान से कहना।’
गणेश भगवान की आज मासिक जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन भक्त भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपवास रखते हैं। माना जाता है कि विघ्नहर्ता गणेश भगवान भक्त की पूजा अर्चना से खुश होकर उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं। चतुर्थी के दिन पूजा और व्रत रखने से भक्त को ज्ञान और समृद्धि प्राप्त होती है और जीवन में चल रही सभी परेशानियों का अंत होता है। अगर आपके जीवन में वैवाहिक परेशानियां हैं, वास्तु दोष की वजह से सफलता नहीं मिल रही है। घर में तनाव का माहौल है। आर्थिक तंगी से आप जूझ रहे हैं तो नीचे दिए गए उपाय जरूर अपनाएं आपको सफलता जरूर मिलेगी।
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- घर का वास्तु दोष ठीक करने के लिए क्रिस्टल से बनी भगवान गणेश की मूर्ति की पूजा करें।
- अगर आपका संपत्ति से जुड़ा कोई विवाद चल रहा है तो आपको चतुर्थी के दिन गणेश भगवान को चौकोर आकार में चांदी का भोग लगाना चाहिए।
- भक्तों को श्वेतार्क गणेश की मूर्ति की विनायक चतुर्थी पूजा अर्चना करनी चाहिए। इससे भक्त को धन की प्राप्ति होगी और घर में सुख शांति आएगी।
- घर से नकारात्मक शक्तियों को दूर रखने के लिए पीपल, आम या नीम के पत्तों से बनी भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
- चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को शतावरी चढ़ाएं। इससे मानसिक तनाव दूर होगा।