टीम इंडिया का इंग्लैंड दौरा शुरू होने वाला है। ये दौरा उसके पिछले दौरों से खास है। वजह है इस बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल का खेला जाना। ये टेस्ट क्रिकेट के वर्ल्ड कप फाइनल की तरह होगा, जिसमें विराट एंड कंपनी, न्यूजीलैंड के खिलाफ इंग्लैंड के साउथैम्प्टन में भिड़ेगी। इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट की सीरीज खेलने से पहले टीम इंडिया के सामने इस महाभारत में भी जीत का ताना-बाना बुनने का चैलेंज होगा, जिससे पार पाने में रवींद्र जडेजा एक अपने कप्तान के एक बड़े हथियार होंगे।
होने वाले मौजूदा इंग्लैंड दौरे पर रवींद्र जडेजा अगर विराट कोहली के एक बड़े सिपाहसलार और मैच विनर के तौर पर देखे जा रहे हैं तो इसकी एक बड़ी वजह एम एस धोनी है। दरअसल, वो धोनी ही हैं, जिन्होंने इस हथियार को धार दी है। मतलब जडेजा के क्रिकेट को संवारने और निखारने का काम किया है। बाएं हाथ के ऑलराउंडर की मानें, तो धोनी ने वो सलाह उन्हें 2015 के वनडे वर्ल्ड कप में दी थी, जिसके बाद उनके गेम चेंज हो गया।
जब धोनी की सलाह से बदल गए ‘सरजी’
रवींद्र जडेजा ने कहा, ” मुझे याद है कि उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं गेंद को उसकी मेरिट के हिसाब से नहीं खेल रहा। मैं उसे वैसे खेल रहा हूं, जैसे मुझे नहीं खेलना चाहिए। मुझे भी महसूस हो रहा था कि मेरा शॉट सेलेक्शन सही नहीं है। गेंद को मैं सही से जज नहीं कर रहा। पहले मैं दोहरे सोच में रहता था कि शॉट खेलूं या नहीं खेलूं? लेकिन अब मैं अपना वक्त लेता हूं फिर शॉट के लिए जाता हूं। मेरा माइंड अब क्लियर रहता है। मेरे अंदर इस परिवर्तन को लाने के पीछे धोनी के सलाह काफी मायने रखते हैं।” जडेजा एक बेहतर गेंदबाज तो थे ही, धोनी की सलाह के बाद उन्हें एक अच्छा बल्लेबाज बनने में भी काफी मदद मिली।
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धोनी के मेन प्लेयर रहे, अब विराट के लिए जीतेंगे इंग्लैंड
32 साल के भारतीय ऑलराउंडर ने अब तक अपने इंटरनेशनल करियर में 4582 रन बनाए हैं और 437 विकेट लिए हैं। धोनी जब 2016 तक कप्तान थे, जडेजा उनके प्रमुख खिलाड़ी थे। और , इस बार के इंग्लैंड दौरे पर वो विराट कोहली के लिए भी उसी भूमिका में नजर आएंगे, जहां वो गेंद और बल्ले के अलावा अपनी फुर्तीली फील्डिंग से भी टीम को जीत की पटरी पर ला सकते हैं।