ममता के तीखे तेवर पर शुभेंदु का तगड़ा वार, जमकर उड़ाई सीएम के आरोपों की धज्जियां

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आगाज के साथ बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच शुरू सियासी जंग अभी भी जारी है। अभी बीते दिनों जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ यास चक्रवात की समीक्षा बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 30 मिनट लेट पहुंचकर तीखे तेवर दिखाए। वहीं, अब इस बैठक में शामिल बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और बीते चुनाव में ममता बनर्जी को हराने वाले शुभेंदु अधिकारी ने आक्रामक रुख अख्तियार किया है।

शुभेंदु अधिकारी ने ममता पर किया तगड़ा वार

दरअसल, शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल की सत्तारूढ़ ममता सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि बंगाल चुनाव के दौरान सूबे में शुरू हुई सियासी हिंसा बदस्तूर अभी भी जारी है। उन्होंने बताया कि उत्तर-24 परगना में आज भी एक व्यक्ति को पीटा गया।

एक न्यूज पोर्टल के अनुसार, शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि चक्रवात यास के बाद से लोगों में डर है, खासकर तटीय इलाकों और गांवों में रहने वालों में। मत्स्य पालन और अन्य रोजगार प्रभावित हुए। ऐसे में केंद्र और राज्य मिलकर काम कर रहे हैं, हम उसका पालन करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि तूफान शांत होने के 48 घंटे के बाद सीएम ममता दीघा और कलाईकुंडा गईं और पीएम के साथ समीक्षा बैठक का हिस्सा बनीं।

बीजेपी नेता शुभेंदु ने कहा कि 2019 में चक्रवात फानी के दौरान वह एक समीक्षा बैठक का हिस्सा थीं। उन्होंने तूफान अम्फान के लिए भी धन की मांग की थी। लेकिन कल बैठक में सीएम ममता और मुख्य सचिव ने पीएम मोदी और राज्यपाल का अपमान किया, मेरे पास इसके लिए शब्द नहीं हैं।

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शुभेंदु ने कहा कि लोगों के कल्याण के लिए काम करने के लिए मैं पीएमओ और गृह मंत्री कार्यालय के संपर्क में हूं। मैं मीटिंग में था क्योंकि एक तटीय क्षेत्र से जीता हूं, जो तूफान से प्रभावित है। मैं अपने विचारों को उनके सामने रखना चाहता था।

ममता के आरोपों पर बीजेपी नेता ने कहा कि उन्होंने पीएम की मीटिंग यह कहते हुए छोड़ दी कि उनका शेड्यूल पहले से फिक्स है। मीटिंग में राज्यपाल, एक केंद्रीय मंत्री और मैं था। मैं वहां जाना चाहता था, इसलिए मुझे बुलाया गया। लेकिन ममता ने कहा कि मुझे प्रतिपक्ष के नेता की मान्यता नहीं दी गई। लेकिन मैं बता दूं 10 मई को दिलीप घोष ने मुझे नेता प्रतिपक्ष घोषित किया था।

शुभेंदु ने ममता के उस बयान पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा कि पीएम से मीटिंग से पहले उनका हेलीकॉप्टर हवा में चक्कर लगा रहा था। शुभेंदु ने कहा मैं वहां था, दोपहर 2:05 बजे हेलीकॉप्टर उतरना था और दोपहर 2:15 बजे वह उतर गया, आखिर इसमें क्या देर हुई।

शुभेंदु ने ममता पर निशाना साधते हुए कहा कि आप जैसा चाहें वैसा नहीं कर सकते। आप नंदीग्राम में हार गई हैं, एक गैर विधायक मुख्यमंत्री, विधायक का अपमान नहीं कर सकता जो जीता है। ममता ने परंपरा और नियम को तोड़ा।

उन्होंने कहा कि उड़ीसा के सीएम दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक (चक्रवात यास) के लिए आए थे। उड़ीसा सरकार ने रिपोर्ट दी और प्रधानमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के बाद पीएम को कलाईकुंडा में बैठक करनी थी। लेकिन पीएम ने ममता का 30 मिनट तक इंतजार किया, यह शर्मनाक है।

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मुख्य सचिव के तबादले पर शुभेंदु ने कहा कि यह किसी राजनीतिक दल के बारे में नहीं है। उन्होंने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के रूप में, प्रोटोकॉल तोड़ा है। संविधान के अनुसार यह तबादला उचित है। यह मैं इसलिए कह सकता हूं क्योंकि मैं लंबे समय से राजनीति में हूं। मैं यह नहीं कहूंगा कि मुख्य सचिव ने अपनी मर्जी से ऐसा किया, उन्हें कल ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था