भले ही उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव ख़त्म हो चुके हैं और इन चुनावों के परिणाम भी सामने आ चुके हैं लेकिन इन चुनावों की वजह से पैदा हुई रंजिशें अपना सिर उठाने लगी है। ऐसी ही एक रंजिश का शिकार बरेली जिले में पहली बार चुनाव जीतने वाले नवनिर्वाचित प्रधान इशहाक को करना पड़ा है, जिनकी सरेआम ताबड़तोड़ वार करके हत्या कर दी गई।
इशहाक को आरोपियों ने मारी कई गोलियां
दरअसल, विगत दिनों हुए प्रधान चुनाव में कैंट के गांव परगवां से प्रधान चुने गए इशहाक की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। इस हमले में प्रधान की पत्नी को भी गोली मारी गई। हालांकि, इस हमले में वह घायल हुई हैं। पुलिस ने इशहाक के खिलाफ चुनाव लड़कर हारे एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। दूसरा आरोपी गांव का पूर्व प्रधान फरार है। हत्या के बाद दो समुदायों में तनाव की स्थिति देखते हुए गांव में पीएसी तैनात कर दी है।
बताया जा रहा है कि इशहाक अपनी पत्नी के साथ बाइक पर सवार होकर जा रहे थे। तभी आरोपियों ने उनपर फायरिंग शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि पहली गोली इशहाक के बाइक पर लगी, जिससे ववाह गाडी से गिर पड़ा। इसके बार आरोपियों ने उसपर ताबड़तोड़ कई वार किये। खुद पर हमला होते देख इशहाक ने करीब 200 मीटर तक भागा लेकिन वह अपनी जान नहीं बचा सका। आरोपियों ने उसपर ताबड़तोड़ कई वार किये। इस हमले में ग्राम प्रधान की मौत हो गई।
गोलियों की आवाज सुनकर पूरा गांव इकठ्ठा हो गया। गाँववालों ने हमलावरों को दौड़ाया भी लेकिन वे सभी भाग निकले।
अपनी आँखों के सामने अपने पति पर हुए इस हमले को लेकर इशहाक की पत्नी शकीना के ने बताया कि हमलावरों ने इशहाक पर पहली गोली चलाई तो वे लोग बाइक समेत सड़क पर ही गिर पड़े। इशहाक जान बचाने के लिए भागे तो हमलावर उन्हें करीब दो सौ मीटर तक दौड़ाते रहे और एक के बाद एक उन पर तब तक गोलियां चलाते रहे जब तक वह लहूलुहान होकर गिर नहीं गए। इसके बाद भीड़ इकट्ठी होने पर हमलावर भाग निकले।
उन्होंने बताया कि गांव करीब ही था लिहाजा कुछ ही देर में इशहाक के परिवार वाले और समर्थक इकट्ठे हो गए। किसी ने यूपी 112 पर फोन किया तो पीआरवी भी मौके पर पहुंच गई। पीआरवी के पुलिसकर्मियों ने इशहाक को जीवित बताकर शव हटाने की कोशिश की लेकिन गुस्साए समर्थकों ने शव नहीं उठाने दिया।
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वे लोग एसएसपी और दूसरे उच्चाधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे। एसएसपी, एसपी सिटी और एसडीएम ने मौके पर पहुंचने के बाद इशहाक के समर्थकों को समझाया और आरोपियों की तलाश में दबिशें शुरू कराईं। एक आरोपी की गिरफ्तारी के बारे में एसएसपी ने प्रधान समर्थकों को जानकारी दी तो वे शांत हुए। घटना के करीब डेढ़ घंटे बाद प्रधान का शव उठाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।