इजरायल और फलस्तीनियों के चरमपंथी संगठन हमास के बीच सीजफायर पर सहमति बन गई है। बीती रात से सीजफायर लागू हो गया है। इसके साथ ही 11 दिनों तक चला खूनी संघर्ष अब खत्म हो गया है। सीजफायर की घोषणा होने के तुरंत बाद गाजा में लोग जश्न मनाते देखे गए हैं।
यहां लोगों ने अपने घरों से बाहर निकल या बालकनी पर खड़े होकर ‘जीत’ के नारे लगए। कई ने हवा में ही फायरिंग की। जश्न मना रहे लोगों ने हाथों में फलस्तीन का झंडा थामा हुआ था और इनमें बच्चे भी शामिल थे। हमास के लोगों ने सीजफायर की घोषणा होते ही ‘जीत’ का दावा किया है।
वहीं दूसरी ओर इजरायल का दावा है कि उसने हमास को भारी नुकसान पहुंचाया है और जीत का भी दावा किया है। लंबे समय तक चले इस संघर्ष के बाद फलस्तीन में 240 से अधिक लोगों की मौत हुई है, जिनमें गाजा के बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। इजरायल में भी 12 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। लेकिन हमास ने कहा है कि उसके ‘हाथ अब भी ट्रिगर’ पर हैं।
गुरुवार को भी इजरायल ने गाजा में 100 से अधिक हवाई हमले कर हमास के ठिकानों को निशाना बनाया। जबकि हमास ने भी इन हमलों के जवाब में इजरायल पर रॉकेट दागे। पूर्वी यरुशलम में जारी विवाद को लेकर हफ्तों तक चले तनाव के बाद इजरायल और हमास के बीच 10 मई से लड़ाई शुरू हुई थी।
अल-अक्सा मस्जिद के परिसर में इजरायली पुलिस और फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों के बीच 7 मई की शाम शुक्रवार को झड़प हो गई थी। जिसके बाद हमास ने इजरायल पर रॉकटे दागे, हालांकि इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम आयरम डोम की वजह से उसे इन रॉकेट से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। सिस्टम में 11 मई को खराबी आने से कुछ रॉकेट रोके नहीं जा सके थे लेकिन बाद में समस्या ठीक हो गई थी।
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इजरायल का दावा है कि उसने हमसा के 150 लड़ाकों को मार गिराया है। लेकिन हमास ने अपने लड़ाकों की मौत की संख्या नहीं बताई है। हालांकि गाजा में मौजूद घरों और बड़ी इमारतों को इजरायली हमलों से भारी नुकसान हुआ है। वहीं इजरायल का कहना है कि गाजा से उसके देश में कम से कम 4 हजार रॉकेट दागे गए हैं। इस सीजफायर में इटली और अमेरिकी की अहम भूमिका मानी जा रही है।