पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सूबे में बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ हुई हिंसक को लेकर अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) का गुस्सा फूट पड़ा है। आरएसएस ने इन हिंसक घटनाओं का मुद्दा उठाते हुए केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार से हर संभव कदम उठाने की अपील की है। इसके साथ ही आरएसएस ने इन हिंसक घटनाओं को पूर्व नियोजित करार दिया है।
आरएसएस ने बंगाल हिंसा को बताया पूर्व नियोजित
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शुक्रवार को कहा, हम केंद्र सरकार से भी आग्रह करते है कि वह बंगाल में शांति कायम करने हेतु आवश्यक हर सम्भव कदम उठाए एवं यह सुनिश्चित करे कि राज्य सरकार भी इसी दिशा में कार्रवाई करे।
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि बंगाल में समाज विरोधी शक्तियों ने महिलाओं के साथ बर्बर व्यवहार किया, निर्दोष लोगों की हत्याएं कीं, घरों को जलाया, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों-दुकानों को लूटा एवं हिंसा के फलस्वरूप अनुसूचित जाति-जनजाति समाज के बंधुओं सहित हजारों लोग अपने घरों से बेघर होकर प्राण-मान रक्षा के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण के लिए मजबूर हुए हैं। कूच-बिहार से लेकर सुंदरबन तक सर्वत्र जन सामान्य में भय का वातावरण बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि आरएसएस इस वीभत्स हिंसा की कठोर शब्दों में निंदा करता है। हमारा यह मत है कि चुनाव-परिणामों के पश्चात अनियंत्रित चल रही हिंसा भारत की सह-अस्तित्व और सबके मतों का सम्मान करने की परंपरा के साथ-साथ भारतीय संविधान में अंकित एक जन और लोकतंत्र की मूल भावना के भी विपरीत है।
आरएसएस के सरकार्यवाह ने कहा कि इस पाशविक हिंसा का सर्वाधिक दुखद पक्ष यह है कि शासन और प्रशासन की भूमिका केवल मूक दर्शक की ही दिखाई दे रही है। दंगाइयों को न ही कोई डर दिखाई दे रहा है और न ही शासन-प्रशासन की ओर से नियंत्रण की कोई प्रभावी पहल दिखाई दे रही है।
यह भी पढ़ें: दुर्घटनाग्रस्त हुआ रेमडेसीविर इंजेक्शन लेकर आ रहा विमान, रनवे पर हुआ हादसा
उन्होंने कहा कि हम नव निर्वाचित सरकार से यह आग्रह करते हैं कि उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता राज्य में चल रही हिंसा को तुरंत समाप्त कर कानून का शासन स्थापित करना, दोषियों को अविलंब गिरफ्तार कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करना, हिंसा-पीड़ितों के मन में विश्वास और सुरक्षा का भाव पैदा कर पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए। हम केंद्र सरकार से भी आग्रह करते है कि वह बंगाल में शान्ति कायम करने के लिए आवश्यक हर सम्भव कदम उठाए एवं यह सुनिश्चित करे कि राज्य सरकार भी इसी दिशा में कार्रवाई करे।