आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को केंद्र सरकार की कोरोना वैक्सीन के एक्सपोर्ट पर सवाल खड़े किये हैं। पार्टी प्रवक्ता राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए कहा कि ‘भारत सरकार नाइजीरिया, युगांडा, सूडान और जिम्बॉम्बे और घाना में वैक्सीन पहुंचाने की जगह भारत में लोगों को वैक्सीन लगवाई जाती तो आज स्थिति इतनी बुरी न होती।
वैक्सीन दूसरे देशों को बांट दी जा रही है
आप प्रवक्ता ने कहा कि आज अपनी छवि चमकाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ी मात्रा में वैक्सीन एक्सपोर्ट कर डाली। भारत 135 करोड़ आबादी वाला देश है। आज हम जिस दर से टीकाकरण कर रहे हैं अगर उसी स्पीड से वैक्सीन लगाते रहे तो पूरे देश में टीका लगाने में कम से कम 15 वर्ष का समय लगेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण कर दिया जाए तो भी कोरोना का खतरा टाला जा सकता है। लेकिन आज वो भी स्थिति बनती नहीं दिख रही है क्योंकि वैक्सीन दूसरे देशों को बांट दी जा रही है।
आप प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत उन देशों को भी वैक्सीन दे रहा है, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं भारत से कहीं ज्यादा अच्छी हैं। भारत सरकार ने कुछ ऐसे एग्रीमेंट साइन किये हैं, जिसमें आने वाले सालों में पाकिस्तान को भी वैक्सीन देनी होगी। कई ऐसे देश हैं, जिसने दुनिया भर से वैक्सीन खरीद खरीदकर इतना बड़ा स्टॉक बना लिया है कि वो डोज उसकी आबादी का दोगुना है। लेकिन भारत सरकार को अपने नागरिकों की चिंता नहीं है। आज भारत को इस बात जरूरत है कि वो अपने नागरिकों को वैक्सीन दे न की बांटे। मैं चाहूंगा कि कोरोना की वैक्सीन बांटी जाए लेकिन पहली प्राथमिकता भारतीयों की होनी चाहिए।
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उल्लेखनीय है कि अब तक भारत की ओर से दुनिया के कई देशों को कोरोना वैक्सीन की 60 मिलियन डोज की सप्लाई कर चुकी है। इनमें से 8.5 मिलियन डोज मदद के तौर पर दी गई हैं, जबकि 34 मिलियन डोज की सप्लाई कमर्शियल तौर पर की गई है। विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक आखिरी बार 18 मार्च को ही नामीबिया और बोलिविया को वैक्सीन भेजी गई थी।