उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। यहां 17 मार्च बुधवार को डिलिवरी के दौरान केस बिगड़ने पर जच्चा-बच्चा को बिना रेफर किये ही लखनऊ भेज दिया गया। जहां रास्ते मे ही दोनों की मौत हो गई। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। मामले में पुलिस ने जब उस अस्पताल की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
दरअसल बल्दीराय थानाक्षेत्र के पूरे मल्लान का पुरवा गांव की पूनम गर्भवती थी। मंगलवार की रात परिजन उसे इलाज के लिए अरवल स्थित मां शारदा हॉस्पिटल एवं जच्चा-बच्चा केंद्र ले गए। यहां डॉक्टर द्वारा पूनम का ऑपरेशन किया गया। इस दौरान रक्तस्राव के चलते दोनों की तबियत बिगड़ गई। जिस पर बिना रेफर कागज बनाये ही उन दोनों को इलाज के लिये लखनऊ भेज दिया गया। रास्ते मे ही दोनों की मौत हो गई।
पुलिस ने शुरू की जांच तो चौंकाने वाले खुलासे
इसके बाद परिजन जच्चा-बच्चा का शव लेकर बल्दीराय थाने पहुंचे और संचालक, डॉक्टर और सहयोगियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी। पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जब पड़ताल की तो तथ्य चौंकाने वाले मिले।
अस्पताल का संचालक 12वीं पास और डॉक्टर निकला 8वीं पास
पुलिस के अनुसार मां शारदा हॉस्पिटल का संचालक राजेश साहनी 12वीं पास है। इतना ही नही अस्पताल में तैनात कथित डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला 8वीं पास और उसका सहयोगी 5वीं पास निकले। संचालक राजेश साहनी खीरी जिले का रहने वाला है और डॉक्टर राजेन्द्र और उसका सहयोगी पड़ोसी जनपद अयोध्या के रहने वाले हैं। पता चला कि ये लोग काफी समय से लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे थे।
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एसपी ने डीएम और सीएमओ को लिखा पत्र
फिलहाल पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है और जेल भेज रही है। पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी को ऐसे अस्पतालों को चिन्हित कर कार्यवाही के लिये पत्र लिखा है।