पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने अपनी चुनावी रणनीति के तहत कदम बढाते हुए अपने 30 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। हालांकि कांग्रेस ने अपनी इस लिस्ट में उन कांग्रेसी नेताओं को अनदेखा कर दिया है, जो बीते कुछ समय से पार्टी के खिलाफ बगावत का सुर अपनाए हैं।

स्टार प्रचारकों की सूची से कई दिग्गज के नाम गायब
दरअसल, कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ असंतोष का स्वर निकालने वाले नेताओं को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव प्रचार से बाहर रखा गया है। उनके नाम स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं हैं।
कांग्रेस की ओर से राज्य विधानसभा के पहले चरण के लिए जिन 30 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की गई, उसमें राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, राज्यसभा में पार्टी के उपनेता आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी और भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को शामिल नहीं किया है।
इन नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद रिक्त होने और पार्टी के कामकाज को लेकर पिछले कुछ समय से लगातार असंतोष व्यक्त किया है। पार्टी के 23 नेताओं ने हाईकमान को एक पत्र भी लिखा था। असंतुष्ट नेताओं को ग्रुप-23 (जी-23) के नाम से संबोधित किया गया है।
आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुस्लिम संगठन इंडियन सेक्यूलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ कांग्रेस के गठबंधन का भी विरोध किया था। आईएसएफ का गठन कट्टरपंथी मुस्लिम नेता पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने किया है। फ्रंट ने कांग्रेस और वामदलों के साथ चुनावी गठबंधन किया है।
आनंद शर्मा ने आईएसएफ के साथ गठबंधन को कांग्रेस की विचारधारा के खिलाफ बताया था। इसके लिए उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की आलोचना भी की थी। इस आलोचना के उत्तर में चौधरी ने कहा था कि चुनाव गठबंधन का फैसला राज्य स्तर पर नहीं बल्कि केंद्रीय नेतृत्व की जानकारी व अनुमति से हुआ है।
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चौधरी ने आनंद शर्मा और अन्य असंतुष्ट नेताओं की आलोचना करते हुए कहा था कि चुनावों के मौके पर ये नेता पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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