संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का आज मंगलवार को दूसरा दिन है। आज एक बार फिर पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस ने सरकार को घेरने की कोशिश की। लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पेट्रोल-डीजल और एलपीजी कीमतों पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। वहीं राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पेट्रोलिमय पदार्थों की कीमतों पर चर्चा के लिए ‘सस्पेंशन ऑफ बिजनेस’ नोटिस दिया। हालांकि विपक्ष काी लगातार नारेबाजी तथा हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
पेट्रोल-डीजल को लेकर मोदी सरकार पर फूटा विपक्ष का गुस्सा
आज राज्यसभा की कार्यवाही सामान्य तरीके से , जबकि लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। इस बीच महंगाई के विरोध में राज्यसभा में भी विपक्ष नारेबाजी करने लगा। तब उपसभापति ने सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील की। विपक्ष की नारेबाजी के बीच राज्यसभा में प्रश्नकाल को चलाने का प्रयास किया गया। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन सदस्यों के सवालों का जवाब भी दे रहे थे लेकिन शोर-शराबे के बीच सदन की कार्यवाही ज्यादा देर नहीं चल सकी। इस बीचऔर उपसभापति ने सदन को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
इसके पहले, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर चर्चा के लिए सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया। इस नोटिस के तहत सदन की आम कार्यवाही को रोककर किसी खास मुद्दे पर चर्चा की जाती है। खड़गे के नोटिस पर उपसभापति ने सभापति के निर्णय का हवाला दिया। इसके बाद कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर आप चाहें तो अनुमति दे सकते हैं, आखिर आप सुप्रीम अथॉरिटी हैं।
वहीं, बहुजन समाज पार्टी के सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस (कार्य स्थगन प्रस्ताव) का नोटिस दिया।
दूसरी ओर, लोकसभा की कार्यवाही के दौरान भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान लोकसभा में कई सांसदों ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। इनमें कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, के. सुरेश, सीपीएम के एएम आरिफ, आईयूएमएल सांसद ईटी मोहम्मद बशीर, रिवॉल्युश्नरी सोशलिस्ट पार्टी के एनके प्रेमचंद्रन, बहुजन समाज पार्टी सांसद रितेश पांडे और डीएमके सांसद दयानिधि मारन शामिल रहे।
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हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करने से पहले कुछ कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से उनके बोलने के वक्त ब्लैकआउट किए जाने को लेकर सवाल किया तो ओम बिरला ने जवाब देते हुए कहा कि हंगामे को नहीं दिखा सकते। लगातार होते हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को पहले 12 बजे तक, फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।