संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) वायुसेना की मेजबानी में दस देशों की वायुसेनाओं के बीच अल-दाफरा एयरबेस पर ‘डेजर्ट फ्लैग’ युद्धाभ्यास शुरू हो गया है जो 27 मार्च तक चलेगा। इस वार्षिक बहुराष्ट्रीय युद्ध अभ्यास में भारतीय वायु सेना, संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया और बहरीन की वायु सेनाओं के साथ पहली बार भाग ले रही है। भारत और खाड़ी देशों के बीच बढ़ते सम्बंधों के बीच तीन सप्ताह तक चलने वाला यह हाई प्रोफाइल अभ्यास है।
दस देशों के बहुराष्ट्रीय अभ्यास में भारतीय वायुसेना पहली बार बनी भागीदार
इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भारतीय वायुसेना आज सुबह छह लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई, दो परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर और एक आईएल-78 टैंकर विमान के साथ संयुक्त अरब अमीरात के अल-दाफरा एयरबेस पर पहुंची। सी-17 ग्लोबमास्टर भारतीय वायुसेना के दल को लाने और ले जाने के लिए सहायता प्रदान करेगा। सुखोई-30 एमकेआई विमान भारत से सीधे लंबी दूरी की उड़ान भरकर अभ्यास क्षेत्र में पहुंचे। इस दौरान रास्ते में उन्हें मध्य हवा में आईएल-78 टैंकर विमानों से ईंधन दिया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य भाग ले रही वायुसेनाओं को नियंत्रित वातावरण में नकली वायु युद्ध संचालन शुरू करने के लिए प्रशिक्षित करना है। भाग लेने वाली वायु सेनाओं को युद्ध की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं का पारस्परिक आदान-प्रदान करने के साथ-साथ अपनी सामरिक क्षमताओं को बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
वायुसेनाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करेगा यह युद्धाभ्यास
भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता इन्द्रनील नंदी के मुताबिक इस वार्षिक बहुराष्ट्रीय युद्ध अभ्यास में दुनिया भर से विविध प्रकार के लड़ाकू विमान इकट्ठा हुए हैं। इसलिए भारतीय वायु सेना सहित प्रतिभागी वायुसेनाओं को ज्ञान, अनुभव, सामरिक क्षमताओं को बढ़ाने और अंतरसंचालनीयता बढ़ाने का एक अनूठा अवसर मिलेगा। गतिशील और वास्तविक युद्ध वातावरण में भाग लेने वाले राष्ट्रों के साथ युद्धाभ्यास के साथ-साथ बातचीत भी अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में योगदान देगी। पिछले दशक में भारतीय वायु सेना ने नियमित रूप से बहुराष्ट्रीय सामरिक युद्ध अभ्यासों की मेजबानी की है एवं इनमें भाग लिया है, जिनमें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वायु सेनाओं के बीच सहयोग किया जाता है।
यूएई के ‘डेजर्ट फ्लैग’ में हिस्सा लेने गए 6 सुखोई-30 एमकेआई उसी स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं जिन्होंने 27 फरवरी को बालाकोट एयर स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए एक अभ्यास लक्ष्य के खिलाफ लंबी दूरी के सटीक हमले किए थे। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने भी इसी स्क्वाड्रन के पायलटों के साथ मल्टी रोल एयरक्राफ्ट मिराज-2000 में उड़ान भरी थी। इस सॉर्टी में तीन मिराज-2000 और 2 सुखोई -30 एमकेआई शामिल थे।
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पिछले साल दिसम्बर में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की 6 दिवसीय खाड़ी देशों की यात्रा से भारत के संबंधों में वृद्धि हुई है। उन्होंने सैन्य संबंधों को मजबूत करने के लिए सऊदी अरब और यूएई का दौरा किया था। सेना प्रमुख की यह यात्रा इस मायने में भी ऐतिहासिक थी क्योंकि पहली बार किसी भारतीय सेना प्रमुख ने खाड़ी देशों का दौरा किया था।