बंगाल विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने अपना वोटबैंक मजबूत करने के लिए नई रणनीति के तहत टीम-28 का गठन किया है। इस टीम-28 में बंगाल के लिए 28 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। प्रदेश कांग्रेस सूत्रों ने बताया है कि गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों के कांग्रेस नेताओं को पश्चिम बंगाल में चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।

बंगाल चुनाव में कांग्रेस ने की नई पहल
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा का विकल्प बनने में जुटी कांग्रेस ने वामदलों के साथ गठबंधन कर रविवार को ही कोलकाता के सबसे बड़े ब्रिगेड परेड मैदान में शक्ति प्रदर्शन किया। लोकसभा चुनाव में इन दोनों पार्टियों के सबसे खराब प्रदर्शन के बावजूद ब्रिगेड की सभा में कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा था। इतनी बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे थे जिसकी उम्मीद किसी ने भी नहीं की थी। इसके बाद राजनीतिक विश्लेषक भी माकपा-कांग्रेस गठबंधन को चुनाव में प्रभावी मानने लगे हैं।
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ये सारे नेता दो मई को चुनाव परिणाम आने तक पश्चिम बंगाल में डेरा डालकर रखेंगे और प्रचार प्रसार के साथ-साथ जनसंपर्क और मतदान संबंधी तैयारियों की रणनीति बनाएंगे। 294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान होने हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पहले ही दावा कर चुके हैं कि इस बार माकपा-कांग्रेस का गठबंधन पश्चिम बंगाल में प्रभावकारी साबित होगा।
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