राजधानी लखनऊ में बराबन कला स्थित बाबू त्रिलोकी सिंह इण्टर कालेज में महेश साहू द्वारा “मेरी प्यारी गौरैया” मुहिम द्वारा गौरया व सारस के सरंक्षण पर क्रार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां उपस्थित छात्र छात्राओं को नन्ही गौरैया व प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस का पार्यावरण में महत्व, घटती संख्या, संरक्षण के उपाय सहित महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी व गौरैया के कृत्रिम घोंसले व दाना काकून के पैकट दिए गए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप राष्ट्रीय कवि सौरभ श्रीवास्तव व अति विशिष्ट अतिथि काकोरी ब्लॉक प्रमुख कुवर रामविलास विशिष्ट अतिथि प्रधानाचार्य निर्मल श्रीवास्तव, व्यापारी नेता हिमांशु गुप्ता,विनोद साहू, क्षेत्रीय वनाधिकारी शिवाकांत शर्मा रहे।
महेश साहू ने आऐ सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया और उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं के साथ गणमान्य लोगों भी को नन्ही गौरैया के संरक्षण की शपथ दिलाई।
राष्ट्रीय कवि सौरभ श्रीवास्तव ने उपस्थित छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में हम सब अपने भौतिक जीवन में ही व्यस्त हैं इन सबके बीच महेश साहू द्वारा मेरी प्यारी गौरैया मुहिम चला कर गौरैया व सारस व अन्य पक्षियों के संरक्षण के लिए लगातार किया जा प्रयास सराहनीय है। नन्ही गौरैया घरेलू पक्षी है यह हम सबके बीच रहना चाहती है। हम सबको नन्ही गौरैया व अन्य पक्षियों के लिए दाना-पानी रखना अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। साथ ही उन्होंने एक कविता पढ़ी जिसपर जमकर तालियां बजीं।
ब्लॉक प्रमुख काकोरी कुवर रामविलास ने कहा कि यह नन्ही गौरैया अपनी प्यारी आवाज से हमारे वातावरण को संगीतमय बनाती थी वह समय के साथ कही गायब सी हो गई, अब उसकी प्यारी आवाज सुनने को कान तरस रहे हैं। हमनें वह समय देखा है जब गौरैया हमारे आंगन में आती थी और पड़े आनाज को चुनती थी और हम उस पर रंग फेकते थे, पर यह चिंता का विषय कि वह गौरैया हमसे दूर क्यों चली गई। इस तरह की मुहिम चला कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास सराहनीय है।
हिमांशु गुप्ता ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि नन्ही गौरैया की घटती संख्या चिंता का विषय है ऐसे में हमें नन्ही गौरैया व अन्य पक्षियों के संरक्षण के लिए आगे आना होगा। वहीं निर्मल श्रीवास्तव ने नन्ही गौरैया व राजकीय पक्षी सारस के संरक्षण पर विस्तार से छात्र छात्राओं को जानकारी दी ।
मुहिम संचालक महेश साहू ने उपस्थित छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि गौरैया एक घरेलू पंक्षी है जो हम सबके साथ रहना चाहती है वह हमसे रूठ कर दूर हो गई है गौरैया कि ची ची की आवाज सुनने को हमारे कान तरस रहे। इसकी घटती सख्यां एक चिंता का विषय बन गई है। हमने उसका ,खाना, पीना सब छीन लिया है। हमे उस प्यारी गौरैया के बचाने के लिए आगे आना होगा, हमें उसके घोसले के लिए सुरक्षित जगह ,दाना,पानी के साथ ही अपने दिलो में जगह देनी होगी।
सरकार के भरोसे हम इंसान नन्ही गौरैया को नहीं बचा सकते इसके लिए हमें स्वयं के साथ ही आने वाले पीढ़ियों को बताना होगा कि नन्ही गौरैया व अन्य विलुप्त हो रहे पक्षियों का महत्व हमारे जीवन व पार्यावरण के लिए क्या खास अहमियत रखता है। नन्ही गौरैया को बचाने के लिए हम सबको आगे आना होगा। अपने कीमती समय का पांच मिनट नन्ही गौरैया के लिए दाना व पानी रखने में लगाऐ जब गौरैया आऐगी तो दिल को सुकून मिलेगा।
साथ ही कहा कि जिन छात्र छात्राओं के द्वारा नन्ही गौरैया के लिए अपनें घरों में दाना पानी रखने के साथ कृत्रिम घोंसला लगाया जाएगा और नन्ही गौरैया अपना आशियाना बनाएगी तो उन्हें 20 मार्च गौरैया दिवस पर मुहिम व द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
इसके लिए छात्र छात्राओं व अन्य पक्षी प्रेमीयो को अपने घर पर रखें। दाना पानी व कृत्रिम घोंसले के साथ फोटो 9454006443 पर सेन्ड करना होगा। साथ ही महेश साहू ने अवध वन प्रभाग के डीएफओ डॉ रवि कुमार सिंह का धन्यवाद देते हुए बताया कि मेरी प्यारी गौरैया मुहिम अब अवध वन प्रभाग के साथ मिलकर छात्र छात्राओं व आम जनमानस को नन्ही गौरैया के साथ ही राजकीय पक्षी सारस के लिए भी जागरूक करेगी।
इस मौके पर आनन्द मोहन, विनोद कश्यप, कामिनी तिवारी, सीमा साहू, मनीषा, राजकुमार, चंदीलाल, नेहा, मोहिनी धर्मेंद्र, आर पी वर्मा, अवध वन प्रभाग लखनऊ वन रेंज के वन दरोगा अमित सिंह, वन रक्षक दीपक कनौजिया, मगटू प्रसाद, समाज सेवक सागर के.गुप्ता, सत्यम शुक्ला सहित सैकड़ों छात्र छात्राएं उपस्थित रही।
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आपको बता दें कि पार्यावरण प्रेमी महेश साहू वर्ष 2017 से नन्ही प्यारी गौरैया के संरक्षण के लिए कृत्रिम घोसलें व दाना काकुन व पानी के लिए मिट्टी का बर्तन वितरित कर स्कूल कालेज के छात्र छात्राओं व आम जनमानस को जागरूक करने का प्रयास लगतार कर रहे हैं।