पाकिस्तान को एक और सर्जिकल स्ट्राइक का सामना करना पड़ा है। हालांकि यह सर्जिकल स्ट्राइक भारत या अमेरिका ने नहीं, बल्कि ईरान ने की है। बताया जा रहा है कि ईरान ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के चंगुल से अपनी सेना के दो जवानों को छुड़ाया है। इस बात की जानकारी देते हुए ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स (आईआरजीसी) ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान के क्षेत्र में इंटेलिजेंस ऑपरेशन के बाद उन्होंने अपने दो जवानों को मुक्त कराया है।
पाकिस्तान सेना करती है आतंकवादी संगठन का समर्थन
एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, आईआरजीसी ने अपने बयान में कहा कि मंगलवार की रात सफलतापूर्वक ऑपरेशन को अंजाम दिया गया और जैश उल-अदल संगठन के चंगुल से अपने दोनों जवानों को छुड़ा लिया गया। इन दोनों जवानों का ढाई साल पहले अपहरण किया गया था। बयान के मुताबिक, सेना ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन को अंजाम दिया और वापस ईरान लौट आई।
बताया जा रहा है कि आतंकवादी संगठन जैश उल-अदल ने 16 अक्टूबर 2018 को पाकिस्तान के सिस्तान शहर के मेरवाका और बलोचिस्तान प्रांत से 12 ईरानी के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स को किडनैप कर लिया था। यह क्षेत्र दोनों देशों की सीमाओं पर स्थित है। किडनैपिंग की इस घटना के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद इन सैनिकों को मुक्त कराने के लिए एक संयुक्त सैन्य कमेटी भी बनाई गई थी।
इस सैन्य कमेटी के चलते नवम्बर 2018 को 5 ईरानी सैनिकों को छोड़ दिया गया था, इसके बाद मार्च 2019 को चार और ईरानी सैनिकों को छोड़ा गया। हालांकि शेष सैनिक इस आतंकी संगठन के कब्जे में ही थे।
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आपको बता दें कि जैश उल-अदल संगठन को तेहरान ने आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है। यह आतंकवादी संगठन कई बार ईरान की आम जनता और सैन्य ठिकानों पर हमला कर चुका है। इसके पाकिस्तान की सेना का पूरा समर्थन भी मिला हुआ है। इस संगठन ने ईरानी सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है और इसका कहना है कि वे ईरान में बलोच सुन्नी के अधिकारों की रक्षा कर रहा है।