बंगाल चुनाव आते ही ममता बनर्जी ने चली नई सियासी चाल, बड़े वोटबैंक पर डाला डाका

पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरूवार शाम कोलकाता स्थित गीतांजली स्टेडियम में एक अनुसूचित जाति एवं जनजाति सम्मेलन में भाग़ लिया है।

ममता बनर्जी ने खुद ही लगाए अनुसूचित जाति-जनजाति के जयकारे

गुरुवार को सम्मेलन में ममता बनर्जी ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमलोगों ने कोरोना काल में भी कर्मचारियों के वेतन नहीं काटे हैं, जबकि त्रिपुरा में दस हजार लोगों की नौकरी चली गई है। हमारी सरकार आम जनता के हित में काम करना चाहती है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि आठ से दस में भीतर ही चुनाव की घोषणा हो जायेगी। इसलिए अभी अधिक मांगों को पूरा करना सम्भव नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि माकपा या भाजपा के बहकावे में आने की जरूरत नहीं। यह सभी लोगों को बहकाने –फुसलाने की जुगत लगा रहे हैं।

राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि सबुज साथी, कन्याश्री, स्वास्थ्य साथी के साथ मुफ्त में राशन बंगालवासियों को दिया जा रहा है। हमने क्या नहीं किया? इतने पर भी यदि जनता हमें पसन्द न करें, तो वोट न दें। फिर भी बाकी चहेतों के वोट से हमारी सरकार जरूर बनेगी। केन्द्र सरकार हमें काम करने नहीं दे रही है। इस तरह हमें डरा-धमका कर काम नहीं करवाया जा सकता है।

ममता बनर्जी ने खुद अनुसूचित एवं जनजातियों के जयकारे लगाये। उन्होंने कहा कि 2018 साल के आंकड़ों के अनुसार भाजपा द्वारा 26 प्रतिशत अत्याचार बढ़ा है। भाजपा नेताओं ने दलितों के घरों में भोजन करके भ्रमित किया है। धर्म एवं मंदिर-मस्जिद को सामने रखकर भाजपा ने बंटवारे की कोशिश की है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस अपने काम को सामने रखकर चुनाव लड़ेगी। इससे पूर्व उत्तर बंगाल जिले के कूचबिहार एवं अलीपुरदुआर जिलों की जन सभा में मुख्यमंत्री ने आदिवासियों को आश्वासन दिया है।

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उल्लेखनीय है कि राज्य में चुनाव को देखते हुए ममता बनर्जी अनुसूचित जाति एवं जनजाति सम्मेलन के बहाने तृणमूल कांग्रेस का जनाधार बढ़ाने का प्रयास कर रही है। पिछले दो दिन से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर बंगाल के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने डुआर्स, फालाकाटा एवं अलीपुरदुआर जिले में चाय बागान श्रमिकों के साथ बातचीत की और उनकी हालत में सुधार के आश्वासन दिये हैं।