उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार ई-ऑफिस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू करने के लिए सभी कार्यवाहियों को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद की आगामी बैठक को ई-कैबिनेट माध्यम से सम्पन्न कराने के लिए मंत्रिपरिषद के सदस्यों को गहन प्रशिक्षण कराया जाए।
उन्होंने कहा कि मंत्रियों को उनसे समय लेकर उनके घर व कार्यालय में भी ई-कैबिनेट के सम्बन्ध में प्रशिक्षित कराया जाए। मंत्रियों को ई-कैबिनेट के सिक्योरिटी फीचर्स के सम्बन्ध में जानकारी देकर अभ्यास कराया जाए। मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां अपने सरकारी आवास पर ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू किये जाने के लिए मंत्रिपरिषद के सदस्यों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रहे थे।
राज्य के बजट को पेपरलेस किये जाने के प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू हो जाने से मंत्रिपरिषद की कार्यवाही पेपरलेस हो जाएगी। इससे ई-गवर्नेन्स और ई-ऑफिस की व्यवस्था के और प्रभावी हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि ई-कैबिनेट व्यवस्था से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प ‘मिनिमम गवर्नमेण्ट, मैक्सिमम गवर्नेन्स’ के अनुरूप कार्याें को सम्पादित करने में सुगमता व तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट की तरह राज्य के बजट को भी पेपरलेस किये जाने के प्रयास किये जाएं।
तकनीक से बनेगा नये भारत का नया उप्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान मण्डल सत्र से पहले सभी सदस्यों को भी टैबलेट उपलब्ध कराये जाएं। टैबलेट के प्रभावी प्रयोग के लिए विधायकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद एवं विधान मण्डल सदस्यों के व्यापक रूप से तकनीक से जुड़ने से नये भारत का नया उत्तर प्रदेश बनता हुआ दिखायी देगा।
डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को किया जा रहा लाभान्वित
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक से कोरोना काल खण्ड में सभी जरूरतमन्दों को सुविधाएं सुलभ कराने में शासन को बहुत आसानी हुई। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री ने जनधन योजना लागू की। डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों को लाभान्वित करने में यह व्यवस्था अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुई। इसके माध्यम से मात्र एक क्लिक से करोड़ों लोगों के खाते में आर्थिक सहायता राशि का तेजी और पारदर्शिता से अन्तरण सम्भव हुआ।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में धनराशि भेजकर लाभान्वित किया। 87 लाख परिवारों को कोरोना काल खण्ड में पेंशन राशि उपलब्ध कराने के साथ ही विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। उन्होंने कहा कि विगत दिनों लखनऊ आये केन्द्रीय खाद्य सचिव ने उन्हें अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक आपूर्ति प्रणाली से सन्तुष्टि का स्तर 96 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है।
दो वर्षाें में 2,500 करोड़ रुपये की हुई बचत
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सार्वजनिक आपूर्ति प्रणाली की सफलता ई-पॉस मशीनों के व्यापक उपयोग से सम्भव हुई है। इससे पारदर्शी ढंग से वास्तविक लाभार्थी तक खाद्यान्न की आपूर्ति सम्भव हुई है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक को अपनाने से जहां प्रदेश में पहले से अधिक संख्या में लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है, वहीं विगत दो वर्षाें में राज्य को लगभग 2,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
राजकीय सेवाओं एवं विकास कार्यों में मानव हस्तक्षेप कम से कम करने एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा ई-टेण्डरिंग, जेम पोर्टल आदि व्यवस्थाएं प्रभावी ढंग से लागू की गई हैं। राज्य सरकार द्वारा गेहूं खरीद वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीद में ई-पॉप मशीनों के प्रयोग के निर्देश दिये गये हैं।
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ई-कैबिनेट व्यवस्था में सिक्योरिटी फीचर्स का रखा गया ध्यान
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सचिव, मुख्यमंत्री आलोक कुमार ने ई-कैबिनेट व्यवस्था के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि ई-कैबिनेट व्यवस्था के अन्तर्गत सिक्योरिटी फीचर्स का ध्यान रखा गया है। ई-कैबिनेट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी मंत्रिगण मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रतिभाग कर सकेंगे। इसके विगत कैबिनेट के निर्णयों तथा उनके क्रियान्वयन की भी जानकारी सुलभ होगी।