अयोध्या। देश दुनिया के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केन्द्रबिंदु अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का सदियों पुराना सपना साकार होने में अब चंद दिनों का समय शेष है। दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन अगस्त के पहले सप्ताह में होने की पूरी संभावना है।
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के प्रवक्ता शरद शर्मा ने रविवार को बातचीत में कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण प्रस्तावित मॉडल के अनुरूप ही किया जायेगा हालांकि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि राम मंदिर की ऊंचाई 161 फिट होगी और शिखर के गुम्बद पाँच बनाये जायेंगे, जिससे मंदिर भव्य दिखेगा।
उन्होंने बताया कि श्रीरामजन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में मंदिर निर्माण के लिये जो पत्थर तराश कर रखे गये हैं उन्हीं को निर्माण के प्रयोग में लाया जायेगा।
कार्यशाला की स्थापना 1990 में हुई थी, तभी से मंदिर के लिए पत्थर तराशे जा रहे थे। वर्ष 1855 से जारी अयोध्या विवाद का फैसला उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल नौ नवम्बर को सुनाया था।
अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर मॉडल एक सितम्बर 1989 में प्रयागराज कुम्भ के दौरान ही देवरहा बाबा समेत देश के शीर्ष संतों के अनुमोदन पर तैयार कर लिया गया था। इस राम मंदिर के मॉडल के चित्र को घर-घर पहुंचाने का काम किया गया था जिसके बाद शिला पूजन का कार्य किया गया था।
उन्होंने बताया कि चन्दन की लकड़ी से बने राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल को अयोध्या की इस कार्यशाला में रखा गया है जिसे आज भी देश-विदेश के काफी श्रद्धालु देखते हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर का निर्माण निवर्तमान विहिप के अध्यक्ष रहे अशोक सिंहल द्वारा बनाए गए मंदिर मॉडल के अनुरूप ही निर्माण कराया जायेगा।