लखनऊ : उत्तर प्रदेश की विधानसभा में सोमवार को समाजवादी पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को मिल रही धमकियों और उनकी सुरक्षा व्वयस्था तथा बसपा द्वारा कानपुर देहात में दलितों की बस्ती में हमला किए जाने के मामलें की गूंज रही। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सुरक्षा और उनकी मिल रह रही धमकियों की घटना पर चर्चा कराए जाने की मांग करने लगे। अध्यक्ष हदय नारायण दीक्षित के अनुरोध के बाद भी वे अपनी बात शांत नहीं हुए तो विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 11.5 मीनट पर तीस मिनट के लिए फिर बारह बजकर बीस मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। इस हंगामें के चलते प्रश्नकाल नहीं हो सका।
12:20 पर सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि भाजपा के सत्तारूढ होने के बाद देश की राजनीति में विषाक्त वातावरण तैयार। किया जा रहा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की कन्नौज में एक जनसभा में जय श्रीराम का नारा लगाए जाने के बाद उत्पन्न स्थिति तथा उनकों फोन पर मिल रही धमकियों का उल्लेख करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सपा और उसके नेता की लोकप्रियता से घबराकर सरकार उनकी रेकी करा रही है। उन्होंने सरकार से मांग की कन्नौज में अखिलेश यादव की सभा में जिस लडके ने जय श्रीराम का नारा लगाया उसकी जांच कराई जाए। साथ ही इस बात की भी पुख्ता व्यवस्था हो कि भविष्य उनके नेता पर किसी तरह की अभद्र टिप्पणी न हो।
जवाब में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सपा और समाजवादी दोनों ही समाज के लिए खतरा है। जहां तक सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव की सुरक्षा की बात है तो उन्हे जेडप्लस की सुरक्षा दी गयी है। उनके साथ 182 सुरक्षाकर्मी तैनात है। उन्होने कहा कि जरा सी बात पर सदन में इतना हंगामा करके बेवजह कार्यवाही पर विराम लगाया गया। सपा अध्यक्ष की सुरक्षा में कोई कटौती नहीं की गयी है। जिस घटना को लेकर इतना हगामा किया गया उससे इस सदन का कोई लेनादेना नहीं है। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने संबधित घटना की जांच कराए जाने का आश्वासन भी दिया। नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने संसदीय कार्यमंत्री के जवाब से अंसतुष्ट होकर सदन से वाकआउट किया। इससे पूर्व सपा के सदस्यों ने वेल में धरना भी दिया।
सदन में बसपा के लालजी वर्मा ने कानपुर देहात के गजनेर थानार्न्तगत मंगटा गांव में दलितों की बस्ती में दंबगों द्वारा हमलाकर उन्हे घायल किए जाने की घटना का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि सरकार के संरक्षण में सामंतवादियों का मनोबल बढा है। उन्होने कहा कि दंबगों द्वारा किए गए हमलें में तीस से ज्यादा घायल हुए जिनमें चार की हालत गंभीर है। इसी मुद्दे पर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि दलितों की बस्ती में दंबगों द्वारा बरपाए गए कहर को लेकर लोगों में आज भी दहशत है। इस घटना को देखकर लगता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था समाप्त हो गयी है। उन्होंने उक्त घटना की न्यायिक जांच कराए जाने की मांग की। इसी के साथ उन्होंने पीडित परिवारों को मुआवजा दिए जाने और घटना में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की।
जिस समय बसपा-कांग्रेस की ओर से यह मुद्दा सदन में उठाया गया उस समय सदन में मुख्यमंत्री नेता सदन योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि जिस घटना को इतना बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया उससे साफ है कि घटना को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उक्त घटना गांव के स्थानीय विवाद से जुडी है। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर त्वरित कार्रवाई की है। रिपोर्ट दर्ज कर एससीएसटी एक्ट के तहत कार्रवाई प्रचलित है। पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता मुहैया कराए जाने की कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहाकि इस मामलें विपक्ष की सिफारिश की आवश्यकता नहीं है। सरकार बिना किसी भेदभाव के दलितों को उनके अधिकार दे रही है। अब तक तीस लाख लोगों को घर, इसके अलावा बडी संख्या में बिजली कनेक्शन, गैस कनेक्शन, आयुष्मान योजना के तहत लाभान्वित कराया जा रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि दलितों के नाम राजनीतिक दल अपने एजेंडे के तहत आंसू बहा रहे है। जबकि सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाले दलों और उनकी सरकारों ने ही उनके अधिकारों पर डाका डाला है। मुख्यमंत्री ने विपक्ष को सलाह दी कि ऐसे मुद्दृो पर आग में घी डालने जैसा काम न करे। इससे पूर्व संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि इस घटना में 13 लोगों का गिरफ्तार किया जा चुका है बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने पीडित परिवारों को पांच-पांच लाख दिए जाने की मांग की। इस मुद्दे पर सरकार के जवाब से अंसतुष्ट होकर सपा-बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
राज्यपाल के अभिभाषण दिये गये आंकड़े विकास से कोसो दूर : रामगोबिन्द चौधरी
सोमवार को सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अपना संशोधन प्रस्ताव रखते हुए कहा कि प्रदेश की मौजूदा सरकार में मानवता कलंकित हो रही है। भाजपा पर धर्म सम्प्रदाय की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि कानून व्यवस्था के नाम पर सरकार बुरी तरह फेल है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में लोकतांत्रिक तरीके अपनी बात कहने वालों का दमन किया जा रहा है। सीएए और एनआरसी के विरोध में बैठी महिलाओं के खिलाफ उत्पीडन की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने अपने भाषण के दौरान पिछले तीन वर्षो के तुलनात्मक अपराध के आंकडे प्रस्तुत करते हुए कहा कि अपराध रोकने में सरकार बुरी तरह नाकाम साबित हुई है। बसपा के लालजी वर्मा ने राज्यपाल के अभिभाषण को झुठ का पुलिन्दा बताया। उन्होने भी अपने भाषण के दौरान प्रदेश की कानून व्यवस्था बुरी तरह फेल होने की बात कही। राज्यपाल के अभिभाषण पर लाए गए संशोधन प्रस्ताव पर कांग्रेस की आराधना मिश्रा तथा अपना दल के नीलरतन पटेल,भाजपा की सदस्य मनीषा वर्मा सहित अन्य सदस्यों ने भी हिस्सा लिया।
हां मैं गुण्डा हूं : ओमप्रकाश राजभर
सुहेलदेव भारती समाज पार्टी के सदस्य ओमप्रकाश राजभर द्वारा राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा किये जाने के दौरान सत्तारूढ़ दल के एक सदस्य के द्वारा की गयी टिप्पणी के जवाब में उत्तेजित होकर कहा की हां मैं गुण्डा हूॅ और सदन में मैने जो कुछ भी कहा है उसमें कुछ असत्य नहीं है। सरकार विकास से कोसों दूर है और रामराज हो या लोहियाराज हो, सबने पीछड़े वर्ग का वोट लिया लेकिन किसी ने भी पीछड़ों के विकास के बारे में नहीं सोचा बारे में नही सोचा। जब मैं मंत्री तब भी मैं थाने में 5 हजार रूपया रिश्वत मांगे जाने की बात खुले मंच से बोला था।