गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा की तपिश सियासी गलियारों में साफ़ महसूस की जा सकती है। दरअसल, हिंसा की इस घटना को लेकर विपक्ष केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर नजर आ रही है। इसी क्रम में महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ शिवसेना ने भी मोदी सरकार को बड़ी चेतावानी दे डाली है।

शिवसेना ने सामना के संपादकीय में लिखी यह बातें
दरअसल, शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से मोदी सरकार को आगाह करते हुए कहा कि सरकार कृषि कानूनों पर पीछे हट जाए, नहीं तो भारत में भी लोग रूस की तरह सड़कों पर निकल जाएंगे। शिवसेना ने सामना में लिखा है कि अगर सरकार कृषि कानूनों पर पीछे हट ही जाती तो कौन सी आफत आ जाती।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में चेतावनी देते हुए लिखा कि अगर सरकार नहीं चेती तो रूस की तरह भारत में भी लोग सड़कों पर उतर जाएंगे। रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रतिद्वंदी एलेक्सी नवालनी की गिरफ्तारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है और लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
शिवसेना ने कहा है कि सरकार देश की जनता का गुस्सा नहीं समझती है। जीएसटी, नोटबंदी और लॉकडाउन से लोगों में बड़े पैमाने पर रोष पैदा हुआ है, कल किसान दिल्ली पहुंच गए हैं। इससे देश की सही छवि नहीं बन रही है। 26 जनवरी के प्रदर्शन के बाद जो हालात पैदा हुए हैं उससे ये सवाल उठ रहा है कि क्या हम सही मायने में लोकतंत्र हैं।
इसके पहले भी शिवसेना ने ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया था। बीते मंगलवार को शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि जो दिल्ली में हुआ वो राष्ट्रीय शर्म का विषय है, अगर केंद्र सरकार किसानों की मांग मान लेती तो इसे टाला जा सकता था। शिवसेना नेता ने कहा कि दिल्ली में जो हुआ पूर्ण रूप से खुफिया तंत्र की नाकामी है।
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संजय राउत ने कहा कि जब किसान लाल किला में घुस रहे थे तो सरकार क्या कर रही थी। पूरी दुनिया हमारा परेड देखती है लेकिन मंगलवार को जो दुनिया ने देखा वो पहले कभी नहीं हुआ था।
आपको बता दें कि बता दें कि रूस में बड़े पैमाने पर लोग विपक्ष के नेता राष्ट्रपति पुतिन के प्रतिद्वंदी एलेक्सी नवालनी की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। एलेक्सी नवालनी को एक सप्ताह पहले रूस लौटने पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके विरोध में उन्होंने जनता से विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया था।
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