जालंधर के शाहकोट में धार्मिक निशान वाला शॉल ओढ़कर जाना कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को काफी महंगा पड़ा है। दरअसल, सिद्धू के इस कृत्य के बाद वह विवादों में घिर गए थे, जिसकी वजह से अब उन्हें माफी मांगनी पड़ी है। उनके इस कृत्य पर सिखों के पांच तख़्तों में से एक अकाल तख़्त ने भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी।
कांग्रेस नेता सिद्धू ने ट्वीट कर मांगी माफी
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सर्वोच्च है। अगर मैंने अनजाने में एक भी सिख की भावनाओं को आहत किया है, तो मैं माफी मांगता हूं। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, लाखों लोग सिख धार्मिक प्रतीकों वाले पगड़ी, कपड़े पहनते हैं और यहां तक कि गर्व के साथ टैटू भी बनवाते हैं। मैंने भी सिख के तौर पर अनजाने में शॉल पहन लिया।
एक दिन पहले, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता सिद्धू को शॉल ओढ़कर सिख धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर माफी मांगने का निर्देश दिया था। कुछ सिख समूहों ने अकाल तख्त के समक्ष सिद्धू के पहनावे को लेकर विरोध जताया था।
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आपको बता दें कि नवजोत सिद्धू धार्मिक निशान वाला शाल ओढ़कर जालंधर के शाहकोट में किसानों के बीच पहुंच गए थे। वहां उन्होंने कृषि कानूनों पर किसानों से बातचीत की। इस मुलाकात का वीडियो उन्होंने सोशल मीडिया और अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए थे। लेकिन विवाद शॉल पर हो गया।