कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन मोदी सरकार के सामने सबसे बड़ी मुसीबत साबित हो रही है। सरकार और आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच बहुप्रतीक्षित बैठक की तारीख अब 29 जनवरी की जगह अब 30 दिसंबर यानी बुधवार को होगी। किसान और मोदी सरकार के बीच होने वाली इस बैठक से पहले केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बड़ा बयान दिया है।

कृषि मंत्री ने दिया यह बयान
दरअसल,कृषि मंत्री ने सोमवार को कहा कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के बीच सुनियोजित तरीके से झूठ की दीवार खड़ी की गई है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा और प्रदर्शनकारी किसानों को जल्द सच्चाई का अहसास होगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि गतिरोध का जल्द समाधान ढूंढ लिया जाएगा। एक महीने से अधिक समय से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों के किसान तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि आगामी दिनों में अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे।
तोमर ने कन्फेडरेशन ऑफ एनजीओ ऑफ रूरल इंडिया (सीएनआरआई) की तरफ से आयोजित डिजिटल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जल्द ही कुछ रास्ता निकलेगा और हम समाधान तक पहुंचेंगे। हर कोई जानता है कि झूठ की दीवार कभी मजबूत नहीं होती। सच्चाई सच्चाई होती है। समय आएगा जब लोग सच्चाई स्वीकार करना शुरू करेंगे।
आपको बता दें कि अभी तक केंद्र और किसान संगठनों के बीच पांच दौर की औपचारिक वार्ता हुई है जो बेनतीजा रही है। केंद्र द्वारा गतिरोध को समाप्त करने के लिए वार्ता बहाल करने के लगातार आग्रह के बाद किसान संगठनों ने बातचीत के लिए 29 दिसंबर का समय दिया है। सरकार ने जवाब में किसान संगठनों को पत्र लिखकर वार्ता के लिए 30 दिसंबर को आमंत्रित किया है।
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