केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में दरार पड़ती नजर आ रही है। इस दरार की वजह तमिलनाडु में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव है, जिसको लेकर एनडीए की घटक एआईएडीएमके ने बीजेपी को कड़ा अल्टीमेटम दिया है। एआईएडीएमके का कहना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें अगर जीत मिलती है तो वह सरकार में बीजेपी को शामिल नहीं करेगा। सहयोगी के रूप में उन्हें किसी राष्ट्रीय पार्टी की जरूरत नहीं है।
बीजेपी पर एआईएडीएमके नेता ने लगाए बड़े आरोप
दरअसल, एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता और उप समन्वयक केपी मुनुसामी ने सोमवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सहयोगी के रूप में उन्हें किसी राष्ट्रीय पार्टी की जरूरत नहीं है। बीजेपी को यह स्वीकार करना चाहिए कि तमिलनाडु में हम बडे़ भाई की भूमिका में हैं।
केपी मुनुसामी ने कहा कि बीजेपी को चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए के पलानीस्वामी की उम्मीदवारी का समर्थन करने और सरकार में उसकी (बीजेपी) गैर भागीदारी जैसी शर्तों को मानना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर बीजेपी को 2021 के अपने चुनावी विकल्पों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ राष्ट्रीय दलों, अवसरवादियों और विश्वासघातियों की भीड़ ने द्रविड़ संगठनों पर दोषारोपण किया कि उन्होंने राज्य के 50 साल के शासन में तमिलनाडु को बर्बाद कर दिया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी का नाम भले ही न लिया हो, लेकिन उनके बयान से यह साफ़ था कि वह केंद्र सरकार का नेतृत्व करने वाली राष्ट्रीय पार्टी के लिए ही यह बात कह रहे हैं।
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केपी मुनुसामी ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी हो या राज्य पार्टी सरकार का नेतृत्व अन्नाद्रमुक ही करेगी। गठबंधन सरकार की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि कोई भी राजनीतिक दल एक गठबंधन सरकार के विचार के साथ गठबंधन की व्यवस्था के लिए आगे आता है, तो कृपया उन्हें इसके बारे में सोचने दें।