कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सीमाओं पर डेरा डाले आंदोलित किसानों के समर्थन में गुरूवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और ढाई करोड़ लोगों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा। हालांकि अब बीजेपी ने उनके इस ज्ञापन को फर्जी करार दिया है। दरअसल, राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रपति को सौंपे गए इस ज्ञापन पर प्रतिक्रिया देते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने कहा कि जो कुछ भी राहुल गांधी बोलते हैं, उसे कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती।
कृषि मंत्री ने दिया बड़ा बयान
नरेन्द्र तोमर ने कहा कि आज जब राहुल गांधी राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने गए थे, इन किसानों ने मुझे कहा कि कांग्रेस की तरफ से कोई भी हमारा हस्ताक्षर लेने के लिए नहीं आया। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने आगे कहा कि अगर राहुल गांधी इतने चिंतित थे तो उन्हें उस वक्त किसानों के लिए कुछ करना चाहिए था जब वह सत्ता में थे। कांग्रेस का चरित्र हमेशा किसान विरोधी रहा है। उन्होंने यह बयान बागपत से आए 60 सदस्यों के किसान मजदूर संघ के सदस्यों के साथ बैठक के बाद दिया
नरेन्द्र तोमर ने कहा कि बागपत से आए किसानों ने केन्द्रीय कृषि कानूनों पर अपना समर्थन पत्र दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को कृषि बिल को संशोधन को लेकर किसी दबाव में नहीं आना चाहिए।
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आपको बता दें कि गुरूवार को कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस ने दिल्ली में मार्च निकालने का ऐलान किया था। हालांकि प्रशासन द्वारा उनके इस मार्च को इजाजत नहीं मिली। इसके बावजूद मार्च निकालने के दौरान पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। हालांकि बाद में इन नेताओं को रिहा कर दिया गया। उधर, राहुल गांधी ने कांग्रेस एक तीन अन्य नेताओं के साथ कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति को ढाई करोड़ लोगों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन भी सौंपा।